सरकार ने शुक्रवार को संसद में माना कि दाल और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं। लेकिन कृषि एवं खाद्य मंत्री शरद पवार ने इसके लिए राज्य सरकारों पर दोष मढ़ते हुए कहा कि कालाबाजारियों पर कार्रवाई की दिशा में राज्यों ने कम काम किया है। विपक्ष का बहिर्गमन: पवार ने लोकसभा में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दामों में बढ़ोतरी से आमआदमी और गरीबों को हो रही परेशानियों से सरकार चिन्तित है।उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को राज्यों के मुख्यसचिवों की बैठक बुलाई है और 17 अगस्त को मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी इस पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने जमाखोरों और कालाबाजारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में बहुत कम काम किया है। राजग-वामदलों के सदस्यों ने असंतोष जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया।पर्याप्त गेहूं, चावल, दालें कम: पवार ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकारी गोदामों में 13 माह की जरूरत को पूरा करने के लिए गेहूं और चावल का भण्डार है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अरहर, मूंग और उड़द का उत्पादन कम होने से कीमतों पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश में दालों की 35 से 40 लाख टन की कमी है। उन्होंने कहा कि दालों का देश में उत्पादन कम होने तथा मांग बढ़ने के कारण उसकी कीमतें बढ़ी हैं। इससे निपटने के लिए सरकार आयात, सब्सिडी तथा देश में उत्पादन बढ़ाने का रास्ता अपना रही है। 29 लाख टन चीनी आयातपवार ने कहा कि दो बड़े चीनी उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में पिछले वर्ष उत्पादन कम होने के कारण चीनी की कीमतें बढ़ी हैं। इससे निपटने के लिये 29 लाख टन कच्ची चीनी का आयात किया गया है। उन्होंने कहा कि यह चीनी तीन माह में बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। विलम्ब होने पर चीनी जब्त कर ली जाएगी।तेल में गिरावट का दावापवार ने दावा किया सरकार के प्रयासों से खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आई है। इसका भाजपा और वामदलों के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि बाजार में कीमतों में कोई कमी नहीं आई है।लोकसभा स्थगितलोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के साथ ही बजट सत्र सम्पन्न हो गया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने शुक्रवार दोपहर सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की। इस सत्र की शुरूआत 2 जुलाई को हुई थी और इस दौरान 26 बैठकें हुईं, जिनमें 2009-10 के लिए आम बजट और रेल बजट पारित किया गया।
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