भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण शौरी ने पार्टी और पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि मौजूदा नेतृत्व से भाजपा का भला नहीं होगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आगे आकर चाबुक चलाना होगा और पूरी पार्टी का कायाकल्प करना होगा। वह भी नीचे के स्तर से नहीं बल्कि शीर्ष स्तर से।शौरी ने देर शाम पत्रकारों से चर्चा में कहा, ''पार्टी का पुनर्गठन करने की आवश्यकता है। नीचे से ऐसा करने में 25 साल लग जाएंगे। इसलिए शीर्ष स्तर पर यह पुनर्गठन करना होगा।''उन्होंने कहा, ''पार्टी का कायाकल्प करना होगा। यह वर्तमान नेतृत्व से नहीं होगा। मौजूदा नेतृत्व तो म्यूचुअल प्रोजेक्टिंग और प्रोटेक्टिंग सोसाइटी बन गई है। आरएसएस को चाबुक चलाना होगा।''यह पूछे जाने पर कि क्या आडवाणी को अपना पद छोड़ देना चाहिए। इसके जवाब में शौरी ने कहा, ''एक आदमी के हटने से बिल्कुल कुछ नहीं होगा। एक दो नहीं सारी की सारी टॉप लीडरशीप को हटाना होगा। राज्यों से मेहनती और ईमानदार नेताओं को चुनकर सामने लाना होगा।''उन्होंने कहा, ''मुझ पर कार्रवाई की बात की जा रही है। पार्टी नेतृत्व उठाए गए मुद्दों व समस्याओं को नहीं देख रहा है। वह कार्रवाई की बात कर रहा है। ... तो कर लो कार्रवाई। मैं आज नहीं पिछले तीन वर्षों से कह रहा हूं। आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेताओं तक के सामने मैंने पार्टी हित में मुद्दे उठाए। लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब कोई विकल्प नहीं रहा तभी मैं बोल रहा हूं।''भाजपा से निकाले गए पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के निष्कासन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''किताब पढ़े बिना उन्हें निष्कासित कर दिया गया। यह तो कमाल है। यह निर्मित नाराजगी थी। पुस्तक का उत्तर पुस्तक होता है। ऐसी कार्रवाई का कोई फायदा नहीं।''शौरी ने कहा कि भाजपा में कुछ लोग हैं जो छह पत्रकारों के जरिए प्रेस में हम सबके खिलाफ पिछले पांच साल से ''स्टोरी प्लांट'' करवा रहे हैं। अपनी इन बातों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की पार्टी नेतृत्व को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग अपने कृत्यों से ''हम्टी डम्टी'' बनना चाहते हैं। अगर ऐसा ही है तो मुझे आशंका है कि मेरे या किसी के भी खिलाफ कार्रवाई करने का आपने पहले से ही मन बना लिया है। किसी तरह की अनुशासनहीनता नहीं करने का दावा करते हुए शौरी ने कहा, पार्टी के मामलों में मैंने अनुशासन के दायरे में काम किया है। मैंने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखा। मैंने उसमें लिखा कि मैं इस पत्र की प्रति किसी और को नहीं भेज रहा हूं। लेकिन उन्होंने कहा कि यह अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा कि कई बार मामले उठाने के बाद भी जब दिखा कि कोई कार्रवाई करने की बजाए उन बातों को प्रेस में लीक किया जा रहा है तब उन्होंने पत्र लिखा। शौरी ने कहा, अंत में मैं आपको (पार्टी के वरिष्ठ नेताओं) पत्र लिख रहा हूं... किसी भी अखबार में मेरे लिखे पत्र प्रकाशित नहीं हुए हैं।शौरी ने कहा कि बी सी खंडूरी और वसुंधरा राजे जैसे नेताओं को चुनाव में हार की जवाबदेही के निर्धारण के तहत इस्तीफा देने को कहा जा रहा है लेकिन ''पार्टी का शीर्ष नेतृत्व'' इस्तीफा नहीं देगा क्योंकि उन्होंने जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आडवाणी को पार्टी छोड़ देना चाहिए तो उन्होंने कहा कि एक नेता को हटाया जाना पर्याप्त नहीं है। शौरी ने कहा कि मेरा सुझाव ''झटका'' (एक बार साफ करना) से है ''हलाल''(धीरे-धीरे मारने) से नहीं। एक दो लोगों को हटाने से काम नहीं चलेगा... सारे के सारे को हटाया जाए। वर्तमान नेतृत्व से स्थिति में बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है...पार्टी में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है।
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