Friday, August 21, 2009

फिर बदल सकते हैं नाम

शिक्षा संकुल और स्वर्ण जयंती पाठशालाओं से राजीव गांधी के नाम हटाने के पूर्व भाजपा सरकार के कार्य को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी का अपमान और सामंती व तानाशाही सोच का परिचायक बताया। राज्य सरकार शिक्षा संकुल का नाम राजीव गांधी पर करने या संकुल के भीतर राजीव गांधी सर्किल बनाने और पाठशालाओं का नाम पूर्ववत करने के प्रस्ताव पर कार्यवाही कर रही है। यह संकेत राजस्थान शिक्षक कांग्रेस के शुक्रवार को यहां आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया। सम्मेलन में कई मंत्री व विधायक भी शामिल हुए।
उन्होंने शुरू की परम्परागहलोत ने कहा कि 1998 में हम शिक्षा के क्षेत्र में पिछडे हुए थे। कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी स्वर्ण जयंती पाठशालाएं खोलीं। महापुरूषों के नाम पर शिक्षण संस्थाएं बनती हैं, लेकिन उनका नाम कभी बदला नहीं जाता। पिछली सरकार ने नाम बदलने की परम्परा शुरू कर दी। शिक्षा संकुल का शिलान्यास किया गया तो पत्थर राजीव गांधी के नाम का लगा। उद्घाटन भी उनके नाम पर ही हुआ।
पूर्व भाजपा सरकार ने डॉ. राधाकृष्णन जैसी हस्ती को राजनीति में घसीटा और सामंतवादी व तानाशाही रवैया अपनाते हुए संकुल का नाम बदल दिया। मुख्यमंत्री ने शिक्षा संकुल का नाम बदलने, संकुल में राजीव गांधी सर्किल बनाने और 20 अगस्त को शिक्षा दिवस मनाने की संगठन की मांगों पर कहा कि इस बारे में सरकार कार्यवाही कर रही है। कार्यक्रम में राज्य भर से आए शिक्षकों को केन्द्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री महादेव सिंह खण्डेला, पूर्व उपमुख्यमंत्री कमला, परिवहन मंत्री बृजकिशोर शर्मा, राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी, मांगी लाल गरासिया, विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, भगवान सहाय सैनी व नसीम अख्तर ने भी सम्बोधित किया। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पी.सी. व्यास ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताए। इससे पूर्व रामनिवास बाग से शिक्षक रैली के रूप में कार्यक्रम स्थल चौगान स्टेडियम पहुंचे।

No comments: