सांसद तो सांसद मंत्री भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देशों की अनदेखी कर सदन से गायब रहने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसका नतीजा यह होता है कि सरकार को संसद के भीतर अच्छी -खासी छिछालेदारी झेलनी पड़ती है। गुरूवार को सरकार को दो -दो बार यह छिछालेदारी झेलनी पड़ी । मजेदार बात यह है कि एक घटना के दोपहर में घटने के बाद भी कांग्रेसी सांसद नहीं चेते। शाम को महंगाई पर चल रही चर्चा के दौरान सरकार को समर्थन दे रहे राजद नेता लालू यादव ने भी गायब रहने की आदत से मजबूर कांग्रेसी मंत्रियों पर जमकर निशाना साधा। हालांकि वे महंगाई के मुद्दे पर सरकार को पहले आड़े हाथों ले रहे थे।लालू ने तो संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल और नारायण सामी की खिंचाई करते हुए कहा कि ये दोनों मंत्री संसद में अकेले ऎसे बैठे रहते हैं कि मानो सरकार ये चला रहे हों। दरअसल यह पहली घटना नहीं है। संप्रग सरकार की पहली पारी में भी संासदों व मंत्रियों के गायब रहने के चलते कई -कई बार सदन को कोरम पूरा न होने के चलते स्थगित करना पड़ता था। इस बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सख्ती दिखाते हुए दो -दो बार सांसदों को चेताया। राज्यों के संयोजकों के साथ हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कह दिया था कि संयोजक अपने-अपने राज्यों के सांसदों की उपस्थिति सदन में बनाए रखें। इसके बाद संसदीय दल की बैठक में भी उन्हाेंने यही बात दोहराई। इसके बाद भी न तो सांसद चेते और ना ही मंत्री। वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा को गुरूवार को रबड़ संशोधन विधेयक 2009 पेश करना था, लेकिन न तो वे स्वयं मौजूद थे और ना ही उनके राज्य मंत्री। साथ ही कई सांसद भी गायब थे। इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता से जवाब ही नहीं बन पड़ा। बाद में शाम को भी महंगाई की चर्चा के दौरान कांग्रेसी सांसद व मंत्री बड़ी संख्या में सदन से नदारद थे।
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