जिन्ना के भूत का भय बीजेपी को किस कदर सता रहा है, इस बात का अंदाजा इसी से लगता है कि आज जिन्ना पर पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह द्वारा लिखी गई किताब 'जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडिपेंडेंस' के लोकार्पण कार्यक्रम से सभी वरिष्ट बीजेपी नेता अनुपस्थिति रहे। इतना ही नहीं, सुषमा स्वराज ने तो इस किताब के कंटेंट को पार्टी की बुनियादी विचारधारा के खिलाफ करार दिया। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता आज दिल्ली में मौजूद थे, लेकिन इनमें से किसी ने भी उस कार्यक्रम में जाने की जहमत नहीं उठाई । कारण स्पष्ट है कि पार्टी एक बार आडवाणी के जिन्ना प्रेम पर संघ का कड़ा रुख देख चुकी है और अब कोई भी नेता संघ की नापसंदगी के साथ चलना नहीं चाहता है।
दिल्चस्प बात तो यह है कि इस कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित अरुण शौरी भी नहीं पहुंचे, जो आजकल बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की बखिया उधेड़ने में जुटे हुए हैं। उनका शिरकत न करना भी यह दर्शाता है कि जिन्ना पर संघ के कड़े एतराज के खिलाफ कोई भी नेता नहीं जाना जाता है। वैसे जसवंत की इस किताब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोकसभा में बीजेपी की उपनेता सुषमा स्वराज ने नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से बात करते हुए स्पष्ट किया कि जिन्ना को महिमामंडित करना और सरदार पटेल का अपमान करनी बीजेपी की बुनियादी विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वह निजी तौर पर इस पुस्तक के कंटेंट से सहमत नहीं हैं।
दिल्चस्प बात तो यह है कि इस कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित अरुण शौरी भी नहीं पहुंचे, जो आजकल बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की बखिया उधेड़ने में जुटे हुए हैं। उनका शिरकत न करना भी यह दर्शाता है कि जिन्ना पर संघ के कड़े एतराज के खिलाफ कोई भी नेता नहीं जाना जाता है। वैसे जसवंत की इस किताब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोकसभा में बीजेपी की उपनेता सुषमा स्वराज ने नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से बात करते हुए स्पष्ट किया कि जिन्ना को महिमामंडित करना और सरदार पटेल का अपमान करनी बीजेपी की बुनियादी विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वह निजी तौर पर इस पुस्तक के कंटेंट से सहमत नहीं हैं।
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