राजस्थान उच्च न्यायालय ने रेवदर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित भाजपा विधायक जगसीराम के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है। वरिष्ठ न्यायाधीश एन.पी. गुप्ता ने पराजित कांग्रेस प्रत्याशी नीरज डांगी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मरूधर मृदुल द्वारा दायर चुनाव याचिका को पूर्णतया सारहीन करार देते हुए कहा कि इसमें बताए आधारों पर जगसीराम का निर्वाचन रद्द नहीं किया जा सकता।
पराजित प्रत्याशी डांगी की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि अप्रार्थी ने अपने नामांकन पत्र में गलत जानकारियां पेश की और नामांकन पत्र में पेश किया गया शपथ पत्र झूठा है। याचिका पर विधायक जगसीराम व चुनाव लडे अन्य सात उम्मीदवारों तथा निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।विधायक जगसीराम की ओर से अधिवक्ता डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने जवाब पेश कर याचिका में लगाए गए आरोपों को सारहीन बताते हुए कहा कि याचिका और इसके साथ पेश किए गए दस्तावेजों से ऎसा प्रथम दृष्टया प्रमाणित नहीं हो रहा कि इस चुनाव याचिका को आगे चलाया जाए। अप्रार्थी ने नामांकन भरने में किसी कानूनी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है और न ही कोई गलत तथ्य पेश किया है। उनका कहना था कि अप्रार्थी का निर्वाचन पूर्णतया वैध है।
पराजित प्रत्याशी डांगी की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि अप्रार्थी ने अपने नामांकन पत्र में गलत जानकारियां पेश की और नामांकन पत्र में पेश किया गया शपथ पत्र झूठा है। याचिका पर विधायक जगसीराम व चुनाव लडे अन्य सात उम्मीदवारों तथा निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।विधायक जगसीराम की ओर से अधिवक्ता डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने जवाब पेश कर याचिका में लगाए गए आरोपों को सारहीन बताते हुए कहा कि याचिका और इसके साथ पेश किए गए दस्तावेजों से ऎसा प्रथम दृष्टया प्रमाणित नहीं हो रहा कि इस चुनाव याचिका को आगे चलाया जाए। अप्रार्थी ने नामांकन भरने में किसी कानूनी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है और न ही कोई गलत तथ्य पेश किया है। उनका कहना था कि अप्रार्थी का निर्वाचन पूर्णतया वैध है।
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