'अब चैन से नहीं बैठेंगे। भ्रष्ट नौकरशाहों, नेताओं और भूमाफिया के खिलाफ एकजुट होकर लडेंगे। राज्य सरकार पर दबाव बनाकर मजबूर कर देंगे कि, हमारी बात सुने और समस्या का निस्तारण करे।'
जमीन के दर्द पीडित महासंघ ने रविवार को इस संकल्प के साथ आर-पार की लडाई का ऎलान किया है। रामनिवास बाग स्थित नेहरू उद्यान में दोपहर दो बजे से सायं चार बजे तक महासंघ की बैठक हुई। पूर्व पुलिस महानिदेशक अमिताभ गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सहकारिता मामलों के विशेषज्ञ विमल चौधरी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी ने पीडितों को सम्बोधित किया। पूर्व पुलिस महानिदेशक ने पीडितों से कहा कि वे सरकार पर दबाव बनाएं, ताकि सरकार ऎसी व्यवस्था करे जिससे भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों में डर पैदा हो। विमल चौधरी ने कहा कि पीडित न्यायालय में विश्वास रखें। न्याय में कुछ देरी हो सकती है, लेकिन पीडित को न्याय जरूर मिलेगा।
ऎसा सोचा ना थामहासंघ संरक्षक अमिताभ गुप्ता ने कहा कि 9 अगस्त 1942 के दिन भारत छोडा आंदोलन की शुरूआत हुई और आज से हम अपना आंदोलन शुरू कर रहे हैं। जिन्होंने आजादी के लिए जीवन की आहुति दी, उन्होंने सोचा नहीं था कि आजादी के बाद ऎसी व्यवस्था होगी।
जनहित याचिका लगाएंगेअधिवक्ता भंडारी ने कहा कि वे उच्च न्यायालय में सभी पीडितों की ओर से जनहित याचिका लगा न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे। हमारा प्रयास रहेगा कि न्यायालय सरकार को आदेश दे कि वह पीडितों को भूखंड दिलाने की व्यवस्था करे।
सरकार तक पहुंचेगी 'बात'महासंघ सचिव विजय शर्मा ने कहा कि इंसाफ मिलने तक लडाई जारी रहेगी। महासंघ अध्यक्ष वी.एन. अग्रवाल, शिक्षा विहार संघर्ष समिति की किरण राठौड, जय माता दी संघर्ष समिति के सुरेंद्र शर्मा आदि ने भी विचार रखे। बैठक में तय हुआ कि जल्द ही मुख्यमंत्री और नगरीय विकास मंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा।
यह उठी मांगें जमीन का दर्द दर्ज कराने के लिए विशेष थाना बने। मामलों की सुनवाई एवं त्वरित निस्तारण के लिए विशेष अदालत बने। सरकार पीडितों को भूखंड मुहैया कराने की व्यवस्था करे। गृह निर्माण सहकारी समितियों को प्रतिबंधित कर प्रशासक नियुक्त किए जाएं। भूमाफिया एवं भ्रष्ट नौकरशाहों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
जमीन दे, या रूपएजयपुर। गोपालपुरा बाइपास पर अपनी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करते ही कुछ लोग बिल्डर को धमकाने पहंुचे गए। उन्होंने सोसाइटी के पट्टे दिखाते हुए जमीन का कुछ हिस्सा या पचास लाख रूपए की मांग कर डाली। बिल्डर गोपाल गुप्ता ने शिप्रापथ थाने में मामला दर्ज कराया है। गोपालपुरा बाइपास स्थित उनकी जमीन का जेडीए ने गत वर्ष पट्टा जारी किया था। गुप्ता ने निर्माण कार्य चालू करवाया तो शनिवार को किसी व्यक्ति का फोन आया और काम रूकवाने के लिए धमकाने लगा। आरोप है कि वह रविवार को कुछ लोगों को लेकर आया और काम रूकवाने के लिए धमकाया। थानाधिकारी वीर सिंह ने बताया कि गुप्ता ने प्रताप सिंह व विक्रम सिंह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी है।
जमीन के दर्द पीडित महासंघ ने रविवार को इस संकल्प के साथ आर-पार की लडाई का ऎलान किया है। रामनिवास बाग स्थित नेहरू उद्यान में दोपहर दो बजे से सायं चार बजे तक महासंघ की बैठक हुई। पूर्व पुलिस महानिदेशक अमिताभ गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सहकारिता मामलों के विशेषज्ञ विमल चौधरी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी ने पीडितों को सम्बोधित किया। पूर्व पुलिस महानिदेशक ने पीडितों से कहा कि वे सरकार पर दबाव बनाएं, ताकि सरकार ऎसी व्यवस्था करे जिससे भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों में डर पैदा हो। विमल चौधरी ने कहा कि पीडित न्यायालय में विश्वास रखें। न्याय में कुछ देरी हो सकती है, लेकिन पीडित को न्याय जरूर मिलेगा।
ऎसा सोचा ना थामहासंघ संरक्षक अमिताभ गुप्ता ने कहा कि 9 अगस्त 1942 के दिन भारत छोडा आंदोलन की शुरूआत हुई और आज से हम अपना आंदोलन शुरू कर रहे हैं। जिन्होंने आजादी के लिए जीवन की आहुति दी, उन्होंने सोचा नहीं था कि आजादी के बाद ऎसी व्यवस्था होगी।
जनहित याचिका लगाएंगेअधिवक्ता भंडारी ने कहा कि वे उच्च न्यायालय में सभी पीडितों की ओर से जनहित याचिका लगा न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे। हमारा प्रयास रहेगा कि न्यायालय सरकार को आदेश दे कि वह पीडितों को भूखंड दिलाने की व्यवस्था करे।
सरकार तक पहुंचेगी 'बात'महासंघ सचिव विजय शर्मा ने कहा कि इंसाफ मिलने तक लडाई जारी रहेगी। महासंघ अध्यक्ष वी.एन. अग्रवाल, शिक्षा विहार संघर्ष समिति की किरण राठौड, जय माता दी संघर्ष समिति के सुरेंद्र शर्मा आदि ने भी विचार रखे। बैठक में तय हुआ कि जल्द ही मुख्यमंत्री और नगरीय विकास मंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा।
यह उठी मांगें जमीन का दर्द दर्ज कराने के लिए विशेष थाना बने। मामलों की सुनवाई एवं त्वरित निस्तारण के लिए विशेष अदालत बने। सरकार पीडितों को भूखंड मुहैया कराने की व्यवस्था करे। गृह निर्माण सहकारी समितियों को प्रतिबंधित कर प्रशासक नियुक्त किए जाएं। भूमाफिया एवं भ्रष्ट नौकरशाहों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
जमीन दे, या रूपएजयपुर। गोपालपुरा बाइपास पर अपनी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करते ही कुछ लोग बिल्डर को धमकाने पहंुचे गए। उन्होंने सोसाइटी के पट्टे दिखाते हुए जमीन का कुछ हिस्सा या पचास लाख रूपए की मांग कर डाली। बिल्डर गोपाल गुप्ता ने शिप्रापथ थाने में मामला दर्ज कराया है। गोपालपुरा बाइपास स्थित उनकी जमीन का जेडीए ने गत वर्ष पट्टा जारी किया था। गुप्ता ने निर्माण कार्य चालू करवाया तो शनिवार को किसी व्यक्ति का फोन आया और काम रूकवाने के लिए धमकाने लगा। आरोप है कि वह रविवार को कुछ लोगों को लेकर आया और काम रूकवाने के लिए धमकाया। थानाधिकारी वीर सिंह ने बताया कि गुप्ता ने प्रताप सिंह व विक्रम सिंह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी है।
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