नई दिल्ली. पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने भाजपा के खिलाफ एक और सियासी चाल चलते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। जसवंत सिंह ने अपनी किताब को गुजरात में प्रतिबंधित किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसकी सुनवाई सोमवार को हो सकती है।पिछले दिनों शिमला में भाजपा की चिंतन बैठक के दौरान ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आनन-फानन में अपने राज्य में जसवंत की किताब को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि पुस्तक में लेखक ने लौहपुरुष सरदार पटेल के बारे में अनर्गल बातें कही गई हैं। प्रतिबंध के बाद जसवंत सिंह ने कहा था कि यह किताब पर प्रतिबंध नहीं बल्कि सोच पर प्रतिबंध है।गुजरात में पहले ही किताब को प्रतिबंधित किए जाने के बाद हाईकोर्ट में एक याचिका पहले ही दायर की जा चुकी है। यह याचिका नवनिर्माण आंदोलन के नेता मनीषी जानी व मशहूर लेखक प्रकाश शाह ने दायर की हुई है। याचिका में गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा गया कि पुस्तक को प्रतिबंधित करने के बारे में 19 अगस्त को राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना गैरकानूनी व असंवैधानिक है। यह लोगों की पढ़ने-लिखने की स्वतंत्रता पर प्रहार है और 1973 के संशोधित सीआरपीसी की धारा 96 के प्रावधानों के खिलाफ है।
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