Wednesday, August 19, 2009

सरकार ने भी कहा और बढ़ेगी महंगाई

सरकार ने भी यह मान लिया है कि आधा भारत सूखे का सामना कर रहा है और ऐसे में महंगाई पर लगाम लगाना मुश्किल है। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि दाल, चीनी और चावल का उत्पादन लक्ष्य से काफी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि सूखे के कारण चावल के उत्पादन में 10 पर्सेंट से ज्यादा की कम आने की आशंका है। ऐसे में चावल के दाम में तेजी आ सकती है। मगर इससे घबराने की बात नहीं है। सरकार अपने खाद्यान्न भंडार से चावल की राशन सप्लाई बढ़ाएगी ताकि गरीब आदमी को तर्कसंगत कीमत पर चावल मिल सके। गौरतलब है कि बरसात में कमी से इस बार खरीफ सीजन में 57 लाख हेक्टेयर में धान की खेती नहीं हो पाई। इस कारण खरीफ सीजन में चावल के उत्पादन में 1 करोड़ टन की कमी होना तय है। पिछले साल यानी 2008-09 में चावल का उत्पादन 991 करोड़ टन हुआ था। यह घरेलू डिमांड के लिए पर्याप्त है। सरकार ने फैसला किया है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को कम कीमत पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सरकार राज्यों को 11.52 करोड़ रुपये की सब्सिडी के तौर पर देगी। इससे पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन घटा है। ऐसे में खुले बाजार में इसमें तेजी आ सकती है। मगर अब यह केंद्र और राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह किस तरह से इस तेजी को थाम सकते हैं। केंद्र सरकार से महंगाई को थामने के लिए योजना बनाई है, मगर यह पूरी तरह से राज्यों पर निर्भर करेगा कि वे किस तरह से इस योजना को अमल में लाते हैं। सूत्रों के अनुसार केंद्र राज्यों के लिए अपना खाद्यान्न भंडार खोलने के लिए तैयार है, मगर इससे पहले वे उनकी तरफ से लिखित में यह चाहता है कि वहां पर विभिन्न वस्तुओं की डिमांड और सप्लाई की क्या स्थिति है। राज्य सरकारों ने बाजार शक्तियों (खुदरा व्यापारियों) को नियंत्रण में रखने के लिए क्या योजना बनाई है। सबसे अहम बात राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो खाद्यान्न केंद्र से राज्यों को दिया जा रहा है, वह आम आदमी खासकर गरीब आदमी तक पहुंचे। इधर कृषि सचिव टी. नंद कुमार के अनुसार मौजूदा समय में 209 जिले सूखे से प्रभावित हैं। वर्षा सामान्य से 27 फीसदी कम हुई है।

No comments: