पश्चिम मिदनापुर के एसपी और डीएम ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि 'ऑपरेशन लालगढ़' नाकाम रहा। पश्चिम बंगाल सरकार ने भी माना है कि यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल नहीं रहा। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ को मिली इस रिपोर्ट यह दावा भी किया गया है कि जॉइंट फोर्स के 'ऑपरेशन लालगढ़' से माओवादी ताकतों पर असर नहीं पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है- हमें डर है कि मिदनापुर, झारग्राम और कोटोयाली थानों पर माओवादी किसी वक्त हमला कर सकते हैं। माओवादियों ने मानिकपाड़ा, रामबासर और सारडीहा जैसे जंगली इलाकों तक अपने ठिकानों का विस्तार कर लिया है। माओवादियों के एक्शन स्क्वॉड के सात-आठ सदस्यों का ग्रुप समूचे लालगगढ़ में घूम रहा है। इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीपीएम पोलित ब्यूरो के सीनियर मेंबर विमान बसु ने कहा कि हम हालात पर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोशिश करूंगा कि यह मुद्दा जल्द से जल्द प्रशासन के सामने उठाया जाए। इस बीच, ऑपरेशन नाकाम रहने के बाद एसपी ने सरकार के सामने कुछ मांगें भी रखीं हैं। उन्होंने कहा है कि मिदनापुर हेडक्वॉर्टर्स की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की 6 और कंपनियां भेजी जाएं और ऑपरेशन की रणनीतिक समीक्षा हो। पश्चिम बंगाल सरकार ने रिपोर्ट के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए इमरजेंसी बैठक बुलाई है। पश्चिम बंगाल सरकार का रुख : पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि पश्चिमी मिदनापुर जिले के अशांत लालगढ़ में माओवादियों के खिलाफ अभियान पूरी तरह सफल नहीं रहा, क्योंकि न तो बड़ी गिरफ्तारियां हुईं और न ही हत्याएं रुकीं। पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अद्धेंदु सेन ने कहा कि कुछ सफलता मिली लेकिन अभियान का दूसरा चरण असफल रहा। लालगढ़ में फिलहाल केंदीय बलों की 40 कंपनियां (4,000 जवान) तैनात हैं और हत्याएं व अपहरण जारी हैं।
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