लगता है संघ और बीजेपी के बीच फिर एक और जिन्ना प्रकरण की तैयारी हो रही है। इस बार भी विवाद की शुरुआत की है लाल कृष्ण आडवाणी ने। मामला आडवाणी की किताब 'माई कंट्री माई लाइफ' के उर्दू संस्करण 'मेरा वतन, मेरी जिंदगी' के लोकार्पण का है। बीजेपी या यूं कहे आडवाणी के इस कार्यक्रम में मंच पर बैठे अतिथि को लेकर विवाद गहरा गया है। जो शख्स आडवाणी के साथ मंच पर विराजमान था, उसके निशाने पर हमेशा संघ परिवार रहा है। उसने अपने लेखों के जरिए संघ को भारत में आतंकवाद का जिम्मेदार ठहराया है। उस शख्स पर दो दिन पहले ही मुंबई के एक सोशल वर्कर द्वारा राष्ट्रद्रोह का केस भी दायर किया गया है। आडवाणी के इस कार्यक्रम में प्रख्यात लेखक अजीज बर्नी को मंच पर अतिथि के तौर पर उचित स्थान दिया गया था। आडवाणी की किताब के उर्दू संस्करण का लोकार्पण भी अजीज बर्नी द्वारा किया गया। भगवा परिवार और बीजेपी के बीच विवाद का मुद्दा अजीज बर्नी ही हैं। साथ ही भगवा ब्रिगेड इस बात से भी नाराज है कि इस कार्यक्रम में अमूमन भगवा परिवार के कार्यक्रमों की तरह वंदे मातरम की भी स्तुति नहीं की गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भगवा परिवार आडवाणी द्वारा मुस्लिमों को लुभाने के लिए वंदे मातरम को अवॉइड करने पर अपनी आंखें टेढ़ी कर रहा है।
अजीज बर्नी के खिलाफ नवी मुंबई कोर्ट में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दायर करने वाले वी. वी. जोशी ने बताया कि बर्नी सदैव ही देश की सुरक्षा एजंसियों, गुप्तचर एजंसी और विदेश मंत्रालय के खिलाफ उल्टी-सीधी बातें लिखते रहते हैं। उनके इन्हीं लेखों को लेकर वह कोर्ट में गए है और गुहार की है कि बर्नी पर मकोका और एनएसए लगाया जाए। उनके वकील प्रशांत ने बताया कि बर्नी के खिलाफ धारा 121, 108,107, 117, 124 ए, 153ए, 153बी, 505(2)और 506 के तहत केस फाइल किया गया है। संघ के खिलाफ बर्नी की कुछ टिप्पणियां इस तरह हैं। मुंबई हमले के बाद बर्नी ने लिखा कि कसाब को नेपाल सिक्यूरिटी फोर्स ने दो साल पहले गिरफ्तार कर लिया था और बाद में भारतीय इंटेलिजंस एजंसियां उसे मुंबई हमले के बाद भारत लेकर आईं। बर्नी आगे लिखते हैं कि हेमंत करकरे को कसाब ने नहीं बल्कि भारतीय सेना ने मारा है। यहीं नहीं बर्नी ने मुंबई हमले की साजिश में संघ, नरेन्द्र मोदी का हाथ बताया । आरएसएस के खिलाफ इस तरह के दर्जनों लेख बर्नी की कलम से निकले हैं। बर्नी की इन टिप्पणियों पर ऐतराज जताते हुए ही वी. वी. जोशी ने उनके खिलाफ मामला दायर करते हुए कहा है कि बर्नी ने देश की सुरक्षा एजंसियों, सेना, दूतावास और विदेश मंत्रालय सभी के खिलाफ राष्ट्रद्रोही भाषा का प्रयोग किया है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
अजीज बर्नी के खिलाफ नवी मुंबई कोर्ट में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दायर करने वाले वी. वी. जोशी ने बताया कि बर्नी सदैव ही देश की सुरक्षा एजंसियों, गुप्तचर एजंसी और विदेश मंत्रालय के खिलाफ उल्टी-सीधी बातें लिखते रहते हैं। उनके इन्हीं लेखों को लेकर वह कोर्ट में गए है और गुहार की है कि बर्नी पर मकोका और एनएसए लगाया जाए। उनके वकील प्रशांत ने बताया कि बर्नी के खिलाफ धारा 121, 108,107, 117, 124 ए, 153ए, 153बी, 505(2)और 506 के तहत केस फाइल किया गया है। संघ के खिलाफ बर्नी की कुछ टिप्पणियां इस तरह हैं। मुंबई हमले के बाद बर्नी ने लिखा कि कसाब को नेपाल सिक्यूरिटी फोर्स ने दो साल पहले गिरफ्तार कर लिया था और बाद में भारतीय इंटेलिजंस एजंसियां उसे मुंबई हमले के बाद भारत लेकर आईं। बर्नी आगे लिखते हैं कि हेमंत करकरे को कसाब ने नहीं बल्कि भारतीय सेना ने मारा है। यहीं नहीं बर्नी ने मुंबई हमले की साजिश में संघ, नरेन्द्र मोदी का हाथ बताया । आरएसएस के खिलाफ इस तरह के दर्जनों लेख बर्नी की कलम से निकले हैं। बर्नी की इन टिप्पणियों पर ऐतराज जताते हुए ही वी. वी. जोशी ने उनके खिलाफ मामला दायर करते हुए कहा है कि बर्नी ने देश की सुरक्षा एजंसियों, सेना, दूतावास और विदेश मंत्रालय सभी के खिलाफ राष्ट्रद्रोही भाषा का प्रयोग किया है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
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