Saturday, August 29, 2009

भाजपा खुद तय करे अपना रास्ता

अन्दरूनी कलह से जूझ रही भाजपा के मामलों में किसी तरह का दखल देने से साफ इनकार करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को साफ कहा कि भाजपा को अपने भविष्य की दशा-दिशा खुद तय करनी होगी। आडवाणी की जगह नए नेता को लाने के सवाल को टालते हुए भागवत ने कहा कि नेतृत्व का मुद्दा भाजपा को ही हल करना होगा। यदि पार्टी को जरूरत है तो वह हमसे सलाह ले सकती है। उन्होंने विश्वासपूर्वक कहा कि भाजपा का पतन नहीं होगा और पार्टी राख से भी खडी हो जाएगी।
केशव कुंज स्थित आरएसएस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण शौरी के इस वक्तव्य पर कि आरएसएस को पार्टी की बागडोर हाथ में ले लेनी चाहिए, पर संघ प्रमुख ने कहा, 'अरूण शौरी अत्यंत प्रतिष्ठित और वरिष्ठ बुद्धिजीवी हैं, भागवत ने कहा कि दूसरों के बारे में उनके कथन पर वे टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन संघ का यही रूख रहा है कि पार्टी जरूरत पडने पर हमसे सलाह ले सकती है।'
जल्दी ही सब कुछ ठीक हो जाएगाभागवत बोले-देश में लाखों कार्यकर्ता हैं, जो पार्टी के लिए तपस्या कर रहे हैं। इसी वजह से पार्टी का कभी पतन नहीं होगा। मुझे पूरा भरोसा है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। भाजपा स्वायत्त और स्वतंत्र पार्टी है। पार्टी की पहंुच देश भर में है और यह मौजूदा संकट से उबर जाएगी। उन्होंने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से उन्होंने कहा है कि पार्टी मौजूदा परिस्थितियों पर विचार करे और वह एकमत होकर चले।
पूछें तो पचास नाम बता देंगेयह पूछने पर कि भाजपा का अगला नेता कौन होगा। और सुझाव मांगने पर क्या कोई एक नाम सुझाएंगे। भागवत ने कहा कि किसे आगे लाना है यह तय करना पार्टी का काम है, संघ का नहीं। उन्होंने कहा कि अगर संघ से नेता का नाम सुझाने के लिए कहा गया तो वह पार्टी को पचास नाम बताएंगे लेकिन एक नाम तय उसे ही तय करना होगा।
नेता की उम्र भी पार्टी तय करेयह पूछे जाने पर कि अब भाजपा में अटल-आडवाणी की भूमिका कौन निभाएगा और उसकी उम्र क्या होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता और उसकी उम्र पार्टी को ही तय करनी होगी। भागवत ने कहा कि उम्र के बारे में वे पहले ही एक टीवी इन्टरव्यू में अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं। भागवत ने शिमला में भाजपा की चिन्तन बैठक से पहले इन्टरव्यू में कहा था कि आदर्श उम्र 55 से साठ साल के बीच हो सकती है। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि सत्तर की उम्र के बाद रिटायर हो जाना चाहिए।
किताब पढेंगे तो राय देंगेभाजपा से निष्कासित नेता जसवन्त सिंह की पुस्तक 'जिन्ना: इण्डिया-पार्टीशन, इण्डिपेन्डेन्स' के बारे में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समय न मिल पाने के कारण उन्होंने यह पुस्तक अभी नहीं पढी है। उन्होंने वादा किया कि वे मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने वाली इस किताब को जरूर पढेंगे और उसके बाद उस पर अपनी राय देंगे।
कांग्रेस ने प्रेस कान्फ्रेंस रद्द कीनई दिल्ली। सर संघ चालक मोहन भागवत के संवाददाता सम्मेलन पर कांग्रेस ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संघ ने भी स्वीकार कर लिया है कि भाजपा का पतन हो चुका है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि बाकी मुद्दों पर वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी। यह उनका अंदरूनी मामला है। कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन को स्थगित कर रखा था। समझा जा रहा है कि कांग्रेस भी भागवत के संवाददाता सम्मेलन पर नजर लगाए हुए थी।
भाजपा में राजनीतिक सरगर्मी तेजनई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के दिल्ली पहुंचने के बाद भाजपा में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भागवत की भाजपा के अंदरूनी मामलों में दखल न करने की टिप्पणी के बीच पार्टी के सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, वेंकैया नायडू और अनंत कुमार ने संघ प्रमुख से मुलाकात की। ये चारों नेता आडवाणी के करीब माने जाते हैं। इस बीच खबर है कि आडवाणी भी शनिवार को भागवत से मुलाकात करेंगे। सबसे पहले संघ मुख्यालय सुषमा स्वराज पहुंची।
उसके बाद नायडू और अनंत पहुंचे, सबसे अंत में जेटली पहुंचे। भागवत के साथ चारों नेताओं की करीब दो घण्टे तक चर्चा हुई। वहां से ये चारों नेता एक ही गाडी में आडवाणी के घर पहुंचे और उनसे चर्चा की। संघ सूत्रों ने बताया कि इन चारों नेताओं ने संघ प्रमुख को यह समझाने का भरसक प्रयास किया कि आडवाणी को लेकर पार्टी के भीतर कोई संकट नहीं है। शुक्रवार देर शाम भा जपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने भी आडवाणी के पक्ष के बयान जारी कर कहा कि पार्टी आडवाणी के साथ है।

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