भाजपा में चल रही रस्साकशी फिलहाल थमती नजर आ रही है। वसुंधरा के तेवरों में नरमी आई है, तो केंद्रीय नेतृत्व ने भी राजे को पद छोडने के लिए कुछ समय की मोहलत दे दी है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा के विशेष सत्र के बाद वसुंधरा राजे नेता प्रतिपक्ष के पद से त्यागपत्र देंगी लेकिन इसके बाद भी नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कुछ समय टाली जा सकती है। इस मामले में सोमवार शाम को वसुंधरा राजे के दिल्ली जाने की संभावना है।
केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले दिनों प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने का निर्णय किया था। इसके बाद भाजपा विधायकों ने वसुंधरा राजे को लेकर लॉबिंग शुरू करते हुए दिल्ली जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने परेड की। इस घटनाक्रम से सख्त हुए केंद्रीय नेतृत्व ने राजे को पद से हटने के लिए स्पष्ट तौर पर कह दिया था। केंद्रीय रूख को देखते हुए वसुंधरा राजे और समर्थकों के तेवरों में भी नरमी आई और संसदीय बोर्ड के निर्णय का सम्मान करने की बात कही जाने लगी। केंद्र ने भी वसुंधरा के नरम रूख के बाद पद छोडने का समय वसुंधरा राजे पर छोड दिया था। सूत्रों के अनुसार , वसुंधरा राजे अगस्त में बुलाए जाने वाले विधानसभा सत्र के बाद नेता प्रतिपक्ष से त्यागपत्र दे सकती हैं।
पद रहेगा खाली
सूत्रों के अनुसार वसुंधरा राजे के नेता प्रतिपक्ष पद से त्याग पत्र देने के बाद पार्टी कुछ समय के लिए नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा को टाल सकती है। इसके बाद भी नए नेता प्रतिपक्ष के चयन में वसुंधरा राजे की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और राजे की सहमति से ही नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा होगी।
चतुर्वेदी का कद घटा
नेता प्रतिपक्ष और पार्टी में खुलकर सामने आई गुटबाजी से नए प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी की प्रतिष्ठा कम हुई है। प्रदेशाध्यक्ष चतुर्वेदी खुद पर गुटबाजी को रोकने में असफल होने का दाग लगा बैठे हैं। इस पूरे घटनाक्रम में प्रदेशाध्यक्ष की छवि एक कमजोर अध्यक्ष के रूप में उभरी है।
केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले दिनों प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने का निर्णय किया था। इसके बाद भाजपा विधायकों ने वसुंधरा राजे को लेकर लॉबिंग शुरू करते हुए दिल्ली जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने परेड की। इस घटनाक्रम से सख्त हुए केंद्रीय नेतृत्व ने राजे को पद से हटने के लिए स्पष्ट तौर पर कह दिया था। केंद्रीय रूख को देखते हुए वसुंधरा राजे और समर्थकों के तेवरों में भी नरमी आई और संसदीय बोर्ड के निर्णय का सम्मान करने की बात कही जाने लगी। केंद्र ने भी वसुंधरा के नरम रूख के बाद पद छोडने का समय वसुंधरा राजे पर छोड दिया था। सूत्रों के अनुसार , वसुंधरा राजे अगस्त में बुलाए जाने वाले विधानसभा सत्र के बाद नेता प्रतिपक्ष से त्यागपत्र दे सकती हैं।
पद रहेगा खाली
सूत्रों के अनुसार वसुंधरा राजे के नेता प्रतिपक्ष पद से त्याग पत्र देने के बाद पार्टी कुछ समय के लिए नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा को टाल सकती है। इसके बाद भी नए नेता प्रतिपक्ष के चयन में वसुंधरा राजे की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और राजे की सहमति से ही नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा होगी।
चतुर्वेदी का कद घटा
नेता प्रतिपक्ष और पार्टी में खुलकर सामने आई गुटबाजी से नए प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी की प्रतिष्ठा कम हुई है। प्रदेशाध्यक्ष चतुर्वेदी खुद पर गुटबाजी को रोकने में असफल होने का दाग लगा बैठे हैं। इस पूरे घटनाक्रम में प्रदेशाध्यक्ष की छवि एक कमजोर अध्यक्ष के रूप में उभरी है।
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