राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार वसुंधरा ने पार्टी अलाकमान को ठेंगा दिखाते हुए दो टूक शब्दों में कहा है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जातीं वो दिल्ली जाकर आलाकमान को इस्तीफा नहीं सौंपेंगी। भाजपा आलाकमान ने वसुुंधरा को इस्तीफा देने के लिए 30 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है।
उल्लेखनीय है कि पार्टी आलाकमान ने पिछले दिनों वसुंधरा को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद प्रदेश भाजपा में घमासान मच गया था। वसुंधरा समर्थन विधायकों ने दिल्ली जाकर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और कहा था कि वसुंधरा को उन्होंने पांच साल के लिए नेता चुना है। विधायकों का कहना है कि वसुंधरा के अलावा उन्हें कोई और नेता मंजूर नहीं है। बताया जा रहा है कि वसुंधरा को 58 विधायक और चार सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
इस बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने वसुंधरा राजे को दिल्ली बुलाया था। वसुंधरा 22 अगस्त को दिल्ली जाकर आडवाणी और राजनाथ सिंह से मुलाकात भी की थी। सूत्रों के अनुसार वसुंधरा ने राजनाथ सिंह के सामने इस्तीफे के लिए तीन शर्ते रखी थीं। वसुंधरा अपना उत्तराधिकारी खुद चुनना चाहती हैं। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी से निकाले गए दो समर्थक विधायकों को दोबारा पार्टी में शामिल करने और अपने लिए केन्द्रीय नेतृत्व में अहम भूमिका की मांग भी की है।
उल्लेखनीय है कि पार्टी आलाकमान ने पिछले दिनों वसुंधरा को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद प्रदेश भाजपा में घमासान मच गया था। वसुंधरा समर्थन विधायकों ने दिल्ली जाकर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और कहा था कि वसुंधरा को उन्होंने पांच साल के लिए नेता चुना है। विधायकों का कहना है कि वसुंधरा के अलावा उन्हें कोई और नेता मंजूर नहीं है। बताया जा रहा है कि वसुंधरा को 58 विधायक और चार सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
इस बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने वसुंधरा राजे को दिल्ली बुलाया था। वसुंधरा 22 अगस्त को दिल्ली जाकर आडवाणी और राजनाथ सिंह से मुलाकात भी की थी। सूत्रों के अनुसार वसुंधरा ने राजनाथ सिंह के सामने इस्तीफे के लिए तीन शर्ते रखी थीं। वसुंधरा अपना उत्तराधिकारी खुद चुनना चाहती हैं। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी से निकाले गए दो समर्थक विधायकों को दोबारा पार्टी में शामिल करने और अपने लिए केन्द्रीय नेतृत्व में अहम भूमिका की मांग भी की है।
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