शिमला में होने वाली भाजपा की चिंतन बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी जाएंगेे। हालांकि बैठक में अपना प्रतिनिधि भेजने का फैसला करने में संघ को लम्बी माथापच्ची करनी पड़ी। बैठक में केवल सोनी को भेजकर संघ ने जहां भाजपा की अंदरूनी बैठक में अपनी धमक बरकरार रखने का प्रयास किया है, वहीं इस कदम को उसके भाजपा के कामकाज में दखल नहीं देने के संदेश देने के रूप में भी देखा जा रहा है।संसदीय बोर्ड के सदस्य के नाते पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी न्योता दिया गया है। हालांकि बैठक में उनके जाने की संभावना न के बराबर है, लेकिन वाजपेयी को लेकर वह कोई नया झमेला खड़ा नहीं करना चाहती। शिमला में 19 से 21 अगस्त तक चलने वाली चिंतन बैठक में संघ की हिस्सेदारी को लेकर कायम ऊहापोह खत्म हो गई है। संघ की तरफ से सुरेश सोनी शामिल होंगे। इस बैठक में संघ की हिस्सेदारी निभाने की बात तय थी, लेकिन संघ जानता था कि बैठक के लिए आसानी से राजी हो जाने पर पार्टी के ऊपर दबाव की उसकी रणनीति कमजोर पड़ सकती है। इसलिए संघ ने बैठक में शामिल होने का पत्ता तब खोला जब भाजपा को इस बात का अहसास हो गया कि बिना संघ के उसकी बैठक अधूरी रह जाएगी। लोकसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह की फजीहत हुई है उससे भाजपा बहुत फंूककर कदम उठा रही है। चिंतन बैठक में उठने वाले सवालों से रूख मोड़ने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की ओर से दी गई केवल हार की समीक्षा नहीं की सफाई ने भले ही पार्टी की एकजुटता का संदेश देने की कोशिश हो, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता जिस तरह से बखिया उधेड़ रहे हैं वह सब कुछ ठीक नहीं स्पष्ट करने के लिए काफी है। सूत्रों के अनुसार बैठक में शामिल होने वाले 25 वरिष्ठ नेताओं की सूची तैयार हो गई है। इसमें नेता प्रतिपक्ष आडवाणी, राजनाथ सिंह, जसवंत सिंह, मुरली मनोहर जोशी, बाल आप्टे, रामलाल, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, थावरचंद गहलोत, अनंत कुमार संसदीय बोर्ड सदस्य के नाते बुलाए गए हैं। वहीं गोपीनाथ मुंडे, विनय कटियार और विजय गोयल महामंत्री की हैसियत से जाएंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, मप्र के शिवराज सिंह चौहान, बी.एस. येडिडूरप्पा, प्रेम कुमार धूमल और रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी बैठक में जाएंगे।
No comments:
Post a Comment