Wednesday, August 19, 2009

गुजरात में किताब पर पाबंदी से भडके जसवंत

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित जसवंत सिंह ने गुजरात में अपनी किताब 'जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडिपेंडेन्स' पर प्रतिबंध को किताब पर नहीं बल्कि विचारों पर पाबंदी करार दिया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने आज गुजरात सरकार की कडी आलोचना करते हुए कहा कि किताब पर लगे प्रतिबंध से वो काफी आहत हुए हैं।
संवाददाताओं से बातचीत के दौरान जसवंत सिंह ने कहा कि 'गुजरात सरकार ने सिर्फ किताब को नहीं बल्कि विचारों को प्रतिबंधित किया है।' उन्होंने मोदी सरकार के इस कदम की तुलना सलमान रूशदी के विवादस्पद पुस्तक पर पूर्व में लगे प्रतिबंध से की है। इस्लाम पर विवादास्पद अंश को लेकर रूशदी की पुस्तक 'सैटनिक वर्सेस' पर भी इसी तरह पाबंदी लगा दी गई थी।
गुजरात की नरेन्द्र मोदी सरकार ने कल देर रात पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर लिखी जसवंत सिंह की किताब पर प्रतिबंध लगा दिया। गुजरात सरकार के अनुसार जसवंत सिंह ने अपनी किताब में देश के पहले प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। उल्लेखनीय है कि जसवंत सिंह ने अपनी किताब में जिन्ना की तारीफ करते हुए उन्हें महान भारतीय बताया है। जसवंत सिंह ने जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष करार देते हुए कहा है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के लिए जिन्ना नहीं बल्कि जवाहर लाल नेहरू जिम्मेदार हैं। किताब में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका पर भी सवाल खडे किए गए हैं।

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