टीकाकरण व परिवार नियोजन के लक्ष्यों के मामले में संभाग को फिसड्डी बताते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव आर.के.मीणा ने गुरूवार को आयोजित रिव्यू बैठक में नाकामियां गिनाना शुरू किया तो संभाग के स्वास्थ्य की बागडोर थामे अधिकारी बगलें झांकते नजर आए। मीणा ने यहां कलक्ट्रेट सभागार में हुई समीक्षा बैठक में संभाग के स्वास्थ्य पर चिंता जाहिर की। बैठक में अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लगे स्टाफ को मूल स्थानों पर भेजने तथा रात के समय सम्बन्धित केन्द्र के स्टाफ का ठहराव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बीपीएल के लिए ऑनलाइन सिस्टमगरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यापन करने वाले (बीपीएल) मरीजों के लिए सरकार ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने जा रही है। इस व्यवस्था के बाद मरीज को अस्पताल में अपनी पहचान साबित करने और सुविधा लेने के लिए मशक्कत नहीं करनी पडेगी। प्राथमिक तौर पर शहर और गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य के न्द्रों पर इसकी शुरूआत होगी।
दाईयों को संस्थागत प्रसव की अनुमतिबैठक में संस्थागत प्रसव का मुद्दा छाया रहा। मीणा ने संस्थागत प्रसव को बढावा देने के लिए विशेष मॉनिटरिंग करने के साथ गांवों में दाईयों को भी संस्थागत प्रसव करवाने के लिए अनुमति दी है। दाईयों को प्रत्येक प्रसव पर दो सौ रूपए दिए जाएंगे।
स्वाइन फ्लू का खास प्रभाव नहींस्वाइन फ्लू के सम्बन्ध में मीणा ने कहा कि राज्य में अभी यह इतना प्रभावी नहीं है। लोगों को सामान्य खांसी-जुकाम होने या बुखार होने से घबराना नहीं चाहिए। प्रभारी चिकित्सकों के लिए 24 अगस्त को जयपुर में सुरक्षित उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बैठक में संभागीय आयुक्त जेपी चंदेलिया, जिला कलक्टर नवीन महाजन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. ओपी गुप्ता सहित विभाग के कई आला-अधिकारी शामिल हुए।
आखिर कब बनेगी एबीएनबीसी संभाग के सबसे बडे मातृ एवं अस्पताल (उम्मेद) में स्वीकृति के बावजूद एफिनिटी बेसड् न्यू बोर्न केयर यूनिट की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाने पर मीणा ने रोष जाहिर किया। मीणा ने बताया कि यहां स्वीकृति, बजट व स्टाफ के आवंटन के बावजूद यूनिट खोले जाने में ढिलाई बरती जा रही है।
हालात असन्तोषजनक'मुख्यमंत्री बीपीएल योजना को छोडकर अन्य सभी मामलों में यहां के हालात असंतोषजनक हैं। मैंने हालात सुधारने की हिदायत दी है।' - आर.के.मीणा, प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
बीपीएल के लिए ऑनलाइन सिस्टमगरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यापन करने वाले (बीपीएल) मरीजों के लिए सरकार ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने जा रही है। इस व्यवस्था के बाद मरीज को अस्पताल में अपनी पहचान साबित करने और सुविधा लेने के लिए मशक्कत नहीं करनी पडेगी। प्राथमिक तौर पर शहर और गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य के न्द्रों पर इसकी शुरूआत होगी।
दाईयों को संस्थागत प्रसव की अनुमतिबैठक में संस्थागत प्रसव का मुद्दा छाया रहा। मीणा ने संस्थागत प्रसव को बढावा देने के लिए विशेष मॉनिटरिंग करने के साथ गांवों में दाईयों को भी संस्थागत प्रसव करवाने के लिए अनुमति दी है। दाईयों को प्रत्येक प्रसव पर दो सौ रूपए दिए जाएंगे।
स्वाइन फ्लू का खास प्रभाव नहींस्वाइन फ्लू के सम्बन्ध में मीणा ने कहा कि राज्य में अभी यह इतना प्रभावी नहीं है। लोगों को सामान्य खांसी-जुकाम होने या बुखार होने से घबराना नहीं चाहिए। प्रभारी चिकित्सकों के लिए 24 अगस्त को जयपुर में सुरक्षित उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बैठक में संभागीय आयुक्त जेपी चंदेलिया, जिला कलक्टर नवीन महाजन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. ओपी गुप्ता सहित विभाग के कई आला-अधिकारी शामिल हुए।
आखिर कब बनेगी एबीएनबीसी संभाग के सबसे बडे मातृ एवं अस्पताल (उम्मेद) में स्वीकृति के बावजूद एफिनिटी बेसड् न्यू बोर्न केयर यूनिट की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाने पर मीणा ने रोष जाहिर किया। मीणा ने बताया कि यहां स्वीकृति, बजट व स्टाफ के आवंटन के बावजूद यूनिट खोले जाने में ढिलाई बरती जा रही है।
हालात असन्तोषजनक'मुख्यमंत्री बीपीएल योजना को छोडकर अन्य सभी मामलों में यहां के हालात असंतोषजनक हैं। मैंने हालात सुधारने की हिदायत दी है।' - आर.के.मीणा, प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
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