राजस्थान के सांसदों को देर से ही सही राज्य के मुद्दों को एकजुट होकर उठाने की याद तो आई। बजट सत्र में तो सांसदों ने सदन की कार्यवाही को ही समझने में लगा दिया। इसके चलते सांसद प्रकोष्ठ की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। सत्र समाप्ति से पूर्व राज्य के सांसद बीकानेर हाउस में बने प्रकोष्ठ में एकत्रित हुए और राजस्थान की समस्याओं के लिए संसद में प्रदेश का पूरजोर पक्ष रखने के लिए एकमत हुए। बैठक केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी, चित्तौड़गढ़ से सांसद एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास, केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा, सीकर के सांसद एवं केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री महादेव सिंह खंडेला के सानिध्य में आयोजित हुई।बैठक के प्रारंभ में माननीय सांसदगणों ने अपना परिचय देते हुए राज्यसभा के प्रदेश से नवनिर्वाचित सांसद नरेन्द्र बुडानिया को बधाई दी। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि संसद के शीतकालीन सत्र के आरंभ में एक बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें नरेगा एवं अन्य मुद्दों पर एक चिंतन सत्र भी आयोजित कर विस्तृत चर्चा की जाएगी ताकि नीति-निर्धारण व राज्य के हित के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।बैठक में प्रदेश के जयपुर शहर सांसद महेश जोशी, जयपुर ग्रामीण के सांसद लाल चंद कटारिया, राजसमंद से सांसद गोपाल सिंह शेखावत, पाली से सांसद बद्रीराम जाखड़, चूरू से सांसद रामसिंह कस्वां, जालोर से सांसद देवजी पटेल, करौली-धौलपुर से सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, बाडमेर से सांसद हरीश चौधरी, बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल, भरतपुर से सांसद रतन सिंह और श्रीगंगानगर से सांसद भरत राम मेघवाल उपस्थित थे। इनके साथ ही बैठक में प्रदेश के राज्यसभा सदस्य ललित किशोर चतुर्वेदी, डॉ. प्रभा ठाकुर, डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया, नरेन्द्र बुडानिया और मनोनीत सदस्य नारायण सिंह माणकलाव भी मौजूद थे। माणकलाव का शुक्रवार को राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया। उन्हें सदन ने भावभीनी विदाई दी।
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