भारतीय जनता पार्टी शैक्षिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. बी.पी. सारस्वत ने शुक्रवार को पद एवं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सारस्वत ने पार्टी की कलह और नेताओं के गिरते स्तर से व्यथित होकर यह कदम उठाया।
सारस्वत ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को भिजवा दिया है। इस्तीफे में कहा गया है कि पिछले कुछ समय से पार्टी की गुटबाजी जिस तरह से सडक पर आई, उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। राष्ट्रीय एवं प्रांतीय नेताओं के अहम के कारण पार्टी अपनी मूल दिशा, चाल एवं चरित्र से भटक कर चौराहे पर आ गई। आम कार्यकर्ता अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है। पार्टी के नेताओं को प्रदेश के विकास और जनता की कोई चिंता नहीं है।
अनुशासन शब्द पार्टी के शब्दकोष से निकल गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के ही कुछ लोग अपनी महिला नेताओं के चरित्र हनन का प्रयास करते हैं। इससे चने खाकर पार्टी बनाने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की आत्मा रो रही है। गौरतलब है कि सारस्वत को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेश शर्मा का करीबी माना जाता है।
सारस्वत ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को भिजवा दिया है। इस्तीफे में कहा गया है कि पिछले कुछ समय से पार्टी की गुटबाजी जिस तरह से सडक पर आई, उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। राष्ट्रीय एवं प्रांतीय नेताओं के अहम के कारण पार्टी अपनी मूल दिशा, चाल एवं चरित्र से भटक कर चौराहे पर आ गई। आम कार्यकर्ता अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है। पार्टी के नेताओं को प्रदेश के विकास और जनता की कोई चिंता नहीं है।
अनुशासन शब्द पार्टी के शब्दकोष से निकल गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के ही कुछ लोग अपनी महिला नेताओं के चरित्र हनन का प्रयास करते हैं। इससे चने खाकर पार्टी बनाने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की आत्मा रो रही है। गौरतलब है कि सारस्वत को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेश शर्मा का करीबी माना जाता है।
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