Friday, August 14, 2009

दिल्ली से जयपुर तक जोर-आजमाइश जारी

वसुन्धरा राजे को प्रतिपक्ष का नेता पद छोडने के निर्देश के बाद राजस्थान भाजपा का 'महाभारत' शुक्रवार को जन्माष्टमी पर दिल्ली की सडकों तक पहुंच गया। वसुन्धरा को नेता पद पर बनाए रखने की मांग पर पार्टी के 54 विधायक व सभी चार लोकसभा सांसदों ने दिल्ली में राजनाथ सिंह के सामने परेड कर ताकत दिखाई। विधायकों ने साफ कह दिया कि उनकी नेता वसुन्धरा राजे हैं और उन्हें हटाया जाना पार्टी के लिए घातक साबित होगा। राजनाथ ने विधायकों को सुना और उनसे ज्ञापन तो लिया, लेकिन यह कह कर अपनी तल्खी भी जताई कि उन सब को दिल्ली आने की जरूरत नहीं थी। उम्मीद लेकर ये विधायक वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर भी गए, लेकिन बाहर ही बैठे रहना पडा। अन्दर आडवाणी व राजनाथ चर्चा करते रहे और एक घण्टे तक बुलावा नहीं आने पर विधायक राजस्थान हाउस लौट आए।
एक बार खबर आई कि आडवाणी ने साढे तीन बजे मिलने का समय दे दिया है, लेकिन बाद में वह भी खारिज हो गया तो विधायकों ने कुछ नाराजगी दिखाई। विधायकों ने जयपुर लौटने से पहले दो बार राजस्थान हाउस में बैठकें कीं जिनमें दोहराया गया कि वसुन्धरा ही उनकी नेता हैं और उन्हें हटाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधायक दिल्ली से जयपुर के रास्ते में ही थे कि शाम को प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने जयपुर में पुष्टि कर दी कि वसुन्धरा से 10 अगस्त को ही इस्तीफा मांग लिया गया था। जानकार सूत्रों के अनुसार वसुन्धरा को 18 अगस्त तक इस्तीफा देने का समय दिया गया है। अगले दिन से शिमला में भाजपा की राष्ट्रीय चिन्तन बैठक शुरू होगी।
वसुन्धरा को पद छोडने के निर्देश-अरूणजयपुर। भाजपा नेतृत्व ने वसुन्धरा राजे को प्रतिपक्ष का नेता पद छोडने के निर्देश दिए हैं। एक दिन पहले ऎसी किसी चर्चा या कारण को नकारने वाले प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने शुक्रवार शाम इसकी पुष्टि की और बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्हें यह जानकारी अधिकृत रूप से जारी करने को कहा है। चतुर्वेदी का कहना है कि राजे को केन्द्रीय नेतृत्व ने दस अगस्त को ही पद छोडने के लिए कह दिया था।
चतुर्वेदी ने कहा कि संगठन में दायित्व परिवर्तन स्वाभाविक प्रक्रिया है। वसुंधरा राजे का संगठन में किसी और रूप में उपयोग किया जाएगा। राजे को हटाने पहले विधायकों की राय जानने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऎसा हमेशा जरूरी नहीं है। यह संगठन तय करता है कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जाए।
उन्होंने कहा कि विधायकों ने दिल्ली जाकर पार्टी नेतृत्व को अपनी बात कह दी है, लेकिन इसे आगे बढाना उचित नहीं है। पार्टी का निर्णय सबको मानना चाहिए। राजे समर्थक विधायकों की शनिवार को बैठक बुलाने की खबरों पर पर चतुर्वेदी ने कहा कि विधायकों की अभी कोई अधिकृत बैठक नहीं बुलाई गई है। यह उन्हें बताया भी जा रहा है, जो कोई अधिकृत बैठक होगी तो सूचना दी जाएगी।
इतने लोग क्यों आए हैं...आप इतने लोग क्यों आएं हैं, चार-पांच लोगों का ही आना बहुत था। नेता प्रतिपक्ष को लेकर एक-दो दिन से जो मीडिया में आ रहा है, वह ठीक नहीं है, मैं किसी का विरोधी नहीं हूं, मैं अकेला कोई निर्णय भी नहीं करता। निर्णय तो कोरग्रुप के होते हैं।'-राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष (दिल्ली में कहा विधायकों से)
मुझे सूचना नहीं...मुझे ऎसी कोई सूचना नहीं है, 10 तारीख को इस्तीफा देने जैसी कोई बात नहीं हुई। पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उसका मुझे बहुत दुख है।'-वसुन्धरा राजे, नेता प्रतिपक्ष

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