तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के मैदान को खाली नहीं छोडना चाहती हैं। भले ही पार्टी के कोटे के आधे दर्जन मंत्रियों ने अभी अपने पद की शपथ नहीं ली हो, लेकिन तृणमूल नेत्री का सख्त फरमान सामने आ गया है। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के छह सांसद मंगलवार को मंत्री पद की शपथ लेंगे। दिल्ली से लौटीं ममता बनर्जी ने अपने कालीघाट स्थित आवास में शनिवार रात कहा कि मंत्रियों को सप्ताह में पांच दिन बंगाल में रहना होगा। वे स्वयं पांच दिन बंगाल में रहेंगी। ममता ने दोहराया कि मंत्री पद उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। मां, माटी, मानुष की लडाई उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। माकपा पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में माकपा समर्थक तृणमूल कर्मियों पर अत्याचार कर रहे हैं। माकपा यह न सोचे कि ममता दिल्ली चली गई हैं और उनकी मनमर्जी चलती रहेगी। वह बंगाल नहीं छोडने वाली हैं। उनका संघष्ाü जारी रहेगा। इससे पहले पार्टी की जीत को उन्होंने आम आदमी की जीत बताया। उन्होंने पार्टी कर्मियाें से कहा कि वे आम आदमी की लडाई में बढ चढकर हिस्सा लें। उन्हें साथ लेकर काम करें। उनके सम्मान के लिए आए समर्थकों से ममता ने कहा कि मंगलवार को अन्य मंत्रियों के शपथ लेने के बाद सामूहिक रूप से सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए। मुकुल रविवार को जाएंगे रायना बर्दवान जिले के रायना में माकपा कर्मियों की हिंसा से प्रभावित तृणमूल समर्थकों के परिवारों से मिलने पार्टी के महासचिव मुकुल राय रविवार को रायना जाएंगे। उनके साथ पार्टी का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा।
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