दक्षिण 24 परगना जिले के तूफान प्रभावित इलाके के दौरे में मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को रविवार को आपदा पीडितों के गुस्से का शिकार होना पडा। पीडितों ने तूफान गुजरने के सात दिन बाद भी राहत सामग्री नहीं मिलने का आरोप लगाकर दो अलग अलग इलाकों में मुख्यमंत्री का घेराव किया।गोसाबा व पाथर प्रतिमा के पीडितों का कहना था कि उन्हें पर्याप्त राहत नहीं मिली है। मुख्यमंत्री को गोसाबा अंचल के सोनाखाली के गुस्साए लोगों के विरोध का सामना करना पडा। पीडितों ने मुख्यमंत्री के काफिले को देखते ही शोरगुल मचाना शुरू किया। मुख्यमंत्री ने काफिला रूकवा कर उनसे बातचीत की तो लोगों ने शिकायतों की झडी लगा दी। लोगों ने कहा कि उन्हें पानी भी ठीक से नहीं मिल रहा है। पीडितों ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों ने राहत सामग्रियों के वितरण के मामले में भारी लापरवाही बरती है। बासंती ब्लॉक कार्यालय व विजयनगर बीडीओ कार्यालय के सामने भी मुख्यमंत्री से लोगों ने जमकर शिकायत की। इधर, गोसाबा में राहत सामग्री इकट्ठा करने गए लोगों को जिला प्रशासन की ओर से बंधक बनाए की भी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि लोग मुख्यमंत्री से राहत कार्यो की धीमी गति की शिकायत न कर पाए इसी कारण उन्हें बंधक बनाया गया है। सरकारी अधिकारियों ने उन्हें सुरक्षा कारणों से एक घर में कैद किया।आईजी (दक्षिण बंगाल) सुरजीत कर पुरकायस्त का कहना है एक कमरे में कुछ लोगों को बंद करने का आरोप सामने आया है। हालांकि कैद किए गए लोग श्रमिक हैं। वे आपदा पीडित नहीं है। उन्हें वहीं ठहराया गया है। मुख्यमंत्री ने बासंती बीडीओ कार्यालय में डीएम, बीडीओ सहित मंत्री सुभाष नस्कर, रजाक मोल्ला सहित आला अधिकारियों के साथ बैठक की तथा पूरी स्थिति की समीक्षा की।
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