काफी उथल-पुथल के बाद आखिरकार भाजपा पार्टी ने वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को ही 15वीं लोकसभा में भी विपक्ष का नेता घोषित किया है। इधर, लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त पर विचार मंथन के लिए सोमवार को राजग की प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी गई है। राजग संयोजक शरद यादव ने संवाददाताओं को बताया, सभी नेता राजग की हार के कारणों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और इसी कारण बैठक रद्द कर दी गई है। गठबंधन के बिखरने संबंधी खबरों का खंडन करते हुए यादव ने कहा, पिछले 15 वर्षों में लोग आते-जाते रहे। लेकिन राजग बरकरार रहा और रहेगा। राजग को लोकसभा चुनाव में 159 सीटें मिली हैं।बुरे दौर में पार्टी को आडवाणी की जरूरतभाजपा संसदीय बोर्ड और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आयोजित बैठक में आडवाणी के नेता प्रतिपक्ष बने रहने पर सर्वसम्मति से फैसला किया गया। आडवाणी ने भी विपक्ष नेता की भूमिका निभाने पर अपनी रजामंदी दे दी है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, इस बुरे दौर में पार्टी को आडवाणी के तजुर्बे की सख्त जरूरत है। इसलिए हमने आडवाणी से उनके फैसले को बदलने की बात कही और आडवाणी ने भी पार्टी हित में सोचते हुए विपक्ष नेता बनना स्वीकार कर लिया है। उल्लेखनीय है, लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी शिकस्त के बाद आडवाणी ने विपक्ष नेता बनने से मना करते हुए कहा था, यह जिम्मेदारी अब पार्टी किसी दूसरे व्यक्ति को देगी।
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