Tuesday, May 26, 2009

चेतना का प्रवाह और जागरूकता दोनों ही जरूरी : सीपी जोशी

केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी ने कहा कि भूमंडलीयकरण के इस दौर में समन्वय की चेतना का प्रवाह और जागरूकता दोनों ही जरूरी हैं। दिल्ली में मंगलवार को उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी द्वारा किए गए द ट्रांजीशन टू ए ग्लोबल कांसीयशनेस पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बोलते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि इलेक्ट्रानिक मीडिया को अपना कोड ऑफ कंडक्ट बनाना चाहिए कि कौन विजुअल आम जनता के बीच में जाना चाहिए और कौन सा नहीं। विएना के गुरूद्वारा में हुई हिंसात्मक घटना पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं लोकतांत्रिक देशों के लिए चुनौती हैं। इन घटनाओं को कवर करने के दौरान इलेक्ट्रानिक मीडिया को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि समाज में हिंसा व उत्तेजना का वातावरण न बनाएं। विएना घटना के बाद पंजाब में हुआ बवाल इस बात का प्रमाण है। उपराष्ट्रपति अंसारी ने कहा कि ग्लोबल कांसीयशनेस शब्द में एक प्रकार की अंब्रेला टर्म है, जो कई प्रश्न खडे करती है लेकिन अगर ग्लोबल कांसीयशनेस तैयार होती है तो जागरूकता का क्षितिज बढता है। उन्होंने कहा कि भूमण्डलीकरण का अर्थ बाजार से लेकर मनुष्य के भाग्य तक जुड गया है। दु:ख की बात यह है कि भूमण्डलीकरण को संकुचित तरीके से देखा जा रहा है।

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