लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद परिणामों का आंकलन सभी राजनीतिक दल अपने-अपने ढंग से कर रहे हैं। भाजपा जहां 26 में से 15 सीटें जीत कर भी सकते में है, वहीं कांग्रेस को उम्मीद जगी है कि और मेहनत की जाए, तो गुजरात में पुराने दिन लौटाए जा सकते हैं। खैर यह तो बात हुई मई-2009 की, लेकिन नेताओं का इम्तिहान अभी खत्म नहीं हुआ है। गुजरात में अभी और भी चुनाव आसन्न हैं, जहां फिर भाजपा और कांग्रेस को खुद को साबित करने की चुनौती झेलनी होगी।इस चुनाव में मतदाताओं ने जहां भाजपा को थोडा जमीन पर लाने की कोशिश की है, वहीं कांग्रेस को और सुधार करने की जरूरत बताई है। ऎसे में दोनों ही पार्टियों का असली इम्तिहान "घर" में होगा, क्योंकि 2012 के विधानसभा चुनावों से पहले गुजरात में बडे पैमाने पर निकाय चुनाव होने हैं और यहां दोनों ही पार्टियों के लिए खुद को साबित करना जरूरी है। भाजपा हाल में ज्यादातर निकायों पर काबिज है। इसी दौरान छह माह में सात विधानसभा सीटों के उप चुनाव भी होने हैं।शुरूआत जूनागढ व उप चुनाव सेइम्तिहान की शुरूआत जूनागढ से होगी, जहां महानगर पालिका चुनाव इसी वर्ष जुलाई में होने हैं। इसके अलावा सात विधानसभा सीटों पर उप चुनाव भी अगले छह माह में किसी भी वक्त हो सकते हैं। जूनागढ के बाद फिर बारी आएगी अहमदाबाद महानगर पालिका की। यहां भी भाजपा का कब्जा है। अहमदाबाद भाजपा का गढ माना जाता है और अक्टूबर-2010 के चुनाव कांग्रेस के लिए इम्तिहान साबित होंगे। इसके साथ ही 24 जिला व 209 तहसील पंचायतों और 49 नगर पालिकाओं के भी चुनाव होने हैं। उसी वर्ष दिसम्बर में सूरत, राजकोट, जामनगर, भावनगर व वडोदरा महानगर पालिकाओं और चार नगर पालिकाओं के चुनाव भी होंगे। ऎसे में दोनों ही पार्टियो के लिए अभी बहुत कुछ साबित किया जाना बाकी है।जूनागढ, दहेगाम व चोटीला में खतरे की घण्टीजूनागढ मनपा में भाजपा का शासन है तथा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के आंकडे देखें, तो जूनागढ संसदीय क्षेत्र में भले ही भाजपा को जीत मिली हो, लेकिन जूनागढ विधानसभा क्षेत्र, जिसमें ज्यादातर जूनागढ शहर का हिस्सा शामिल है, में कांग्रेस को बढत मिली है। ऎसे में भाजपा की पहली परीक्षा जूनागढ मनपा चुनाव में ही होगी। इसी प्रकार पाटण से कांग्रेस के जगदीश ठाकोर जीत गए, वहीं दहेगाम विधानसभा क्षेत्र को समाए सुरेन्द्रनगर में भी कांग्रेस के सोमा पटेल विजयी रहे, लेकिन दहेगाम विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को बढत मिली है। दूसरी तरफ चोटीला से कांग्रेस विधायक पोपट जिंजरिया के निधन के कारण उप चुनाव होने हैं, लेकिन वहां भी कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को बढत मिली है। ऎसे में इन तीनों ही जगहों पर गत विजेताओं के लिए वर्तमान लोकसभा चुनावों के आंकडे खतरे की घण्टी हैं।
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