शिक्षामंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि पारदर्शिता से काम नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने स्कूलों में रिक्त पद भरने के लिए समानीकरण का कार्य 30 जून तक निपटा लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इसमें रिश्तेदारी व पहुंच के बजाय नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सरकार की ओर स्पष्ट दिशा निर्देश शीघ्र जारी कर दिए जाएंगे।शिक्षामंत्री शुक्रवार को उदयपुर के राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में उदयपुर संभाग के शिक्षा अधिकारियों की प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समानीकरण में शिक्षक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पद सहित स्थानान्तरित किया जाएगा। कक्षा दस तक के विद्यालयों में न्यूनतम पांच विषय अध्यापक रखे जाएं, लेकिन जहां एक ही विषय के अधिक शिक्षक हैं तो उन्हें हटाने की कार्यवाही भी की जाएगी।एक जुलाई के बाद कोई शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर पाया गया तो संबंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, शिक्षा अधिकारी एवं उपनिदेशक के खिलाफ संयुक्त रूप से कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने प्रवेशोत्सव कार्यक्रम कागजी पाए जाने पर भी कार्यवाई करने की बात कही। हर स्कूल में पेयजल व शौचालयों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए भी अघिकारियों को पाबंद किया गया।रिक्त पदों का मुद्दा छाया रहासंभाग के छहों जिलों उदयपुर, राजसमन्द, बांसवाडा, डूंगरपुर, चित्तौडगढ व प्रतापगढ में रिक्त पदों का मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इन जिलों में प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, व्याख्याताओं, वरिष्ठ अध्यापकों, अध्यापकों के एक तिहाई से ज्यादा पद खाली हैं।बीईईओ का कद बढेगाशिक्षा मंत्री ने गांवों में ठहराव के लिए बीईईओ के पद को प्रधानाचार्य कैडर में अपग्रेड करने की बात कही।भुगतान रोकने के निर्देशसर्व शिक्षा अभियान के तहत उदयपुर जिले में लगे हैण्डपम्पों के खराब होने के संबंध में उन्होंने उपनिदेशक सुरेश दवे को निर्देश दिए कि वह संबंधित ठेकेदार का भुगतान रोकें व इस मामले की जांच कराएं। बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री मांगीलाल गरासिया, शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव आर.पी.जैन, माध्यमिक शिक्षा निदेशक भास्कर सांवत तथा प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आलोक गुप्ता व संभाग के सभी शिक्षा अधिकारी मौजूद थे।
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