Thursday, May 28, 2009

राज्य सरकार पर भरोसा नहीं : ममता बनर्जी

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उन्हें राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है। तूफान से निपटने के लिए कोई आर्थिक सहायता राज्य को नहीं दी जानी चाहिए। राज्य सरकार केन्द्रीय सहायता का समुचित इस्तेमाल नहीं करती। केन्द्र सरकार के सम्बन्घित विभागों से मिलकर वह साफ-साफ कहेंगी कि प्रभावित इलाकों के बेघरों को घर बनाकर दिए जाएं।नष्ट हुई फसल का मुआवजा दिया जाए। पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में डीप ट्यूबवेल लगाए जाएं। पुनर्वास के सारे काम पंचायतों के जरिए होने चाहिए। ममता ने ब्ाताया कि राज्य को आर्थिक सहायता दिए जाने की बजाए वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बाढ नियंत्रण के मास्टर प्लान बनाने व लागू करने की बात कहेंगी। गुरूवार को पार्टी के आधे दर्जन सांसदों के मंत्री पद पर शपथ लेने के कार्यक्रम में दिल्ली जाने से पहले ममता ने कहा कि मंत्री शपथ ग्रहण समारोह के बाद जल्द से जल्द तूफान प्रभावित इलाकों के दौरे में जाएंगे। राज्य सरकार को आडे हाथों लेते हुए ममता ने कहा कि सचिवालय में बैठकर बयान देने से समस्या का हल नहीं निकलने वाला है। हर साल बारिश के समय नदियों के तटबंध दुरूस्त किए जाते हैं। इस काम में जमकर भ्रष्टाचार होता है।आपदा से निपटने के लिए न तो राज्य में संसाधन हैं और न ही राज्य सरकार के पास इच्छाशक्ति है। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन, सिंचाई, परिवहन विभाग हाथ पर हाथ धर कर बैठा है। माकपा पर बरसते हुए ममता ने कहा कि पार्टी की हरमत वाहिनी केवल हिंसा फैलाने के काम में आती है। रास्तों से पेड हटाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।उन्होंने दोहराया कि राज्य के हर ब्लॉक में आपदा पुनर्वास के केन्द्र होने चाहिए। ममता ने कहा कि राज्य सरकार को अपनी मशीनरी का युद्धस्तर पर इस्तेमाल करना चाहिए। पहुंच विहीन इलाकों में हेलीकॉप्टर से गिराई जा रही राहत सामग्री की मात्रा बढाई जानी चाहिए। कोलकाता नगर निगम व सी.ई.एस.सी. पर राहत कार्यो में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि कोलकाता व आस-पास के कई इलाकों में तूफान के 72 घंटे गुजर जाने के बाद भी बिजली, पानी नहीं पहुंचा है। लोग परेशान होकर सडकों पर उतर रहे हैं। दोनों एजेंसियों को युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू करना चाहिए।


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