मेलबोर्न में भारतीयों पर बढ़ रहे हमलों से चिंतित प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने शुक्रवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ विद्यार्थियों का मुद्दा उठाया। इस बीच भारत ने कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज करते हुए ऑस्ट्रेलियाई को आगाह किया कि इससे शिक्षा के क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री केविन रूड ने मनमोहनसिंह को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देने के लिए शुक्रवार को फोन किया। सिंह ने इस मौके का इस्तेमाल वहाँ भारतीय छात्रों पर हो रहे हमलों के प्रति अपनी चिंता जताने के लिए किया। विदेश मंत्रालय ने भी वहाँ भारतीय छात्रों पर लगातार हमलों पर अपनी चिंता दर्ज कराने के लिए ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त जॉन मैक्कार्थी को तलब किया।विदेशमंत्री एसएम कृष्णा को उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्टीफन स्मिथ का फोन आया तो कृष्णा ने भारत की तरफ से चिंता जताई। स्मिथ ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी सरकार इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठा रही है।दस मिनट की बातचीत के दौरान कृष्णा ने स्मिथ से कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पिछले कुछ दिन में भारतीय छात्रों पर हमलों में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई के लिए भी दबाव बनाया।बाद में कृष्णा ने बताया कि स्मिथ ने आश्वासन दिया कि अब ऐसी कोई घटना नहीं होगी। हम भारतीय नागरिकों विशेष तौर पर छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारतीय सरकार ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। मेलबोर्न में पिछले कुछ दिनों में भारतीय छात्रों पर हमले की घटनाओं के बाद कृष्णा के बयान आए हैं। इनमें से एक छात्र मेलबोर्न के एक अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है, जिस पर किशोरों के एक समूह ने चाकू से वार किया था।विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) एन. रवि ने मैक्कार्थी को तलब किया था। मैक्कार्थी ने कहा कि उनकी सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठा रही है।विदेश मंत्रालय में बैठक के बाद मैक्कार्थी ने कहा मुझे ऑस्ट्रेलियाई में भारतीय छात्रों पर हाल ही में हुए हमलों पर बातचीत के लिए विदेश मंत्रालय बुलाया गया था। मिस्टर रवि ने बहुत स्पष्ट तरीके से भारत की तरफ से चिंता जताई और अनुरोध किया कि हम इस तरह की घटनाओं को नहीं होने देने के लिए कदम उठाएँ।उन्होंने भारतीय छात्रों पर हमलों को आपराधिक गतिविधि करार दिया। मैक्कार्थी ने माना कि उनके देश में नस्लवाद है, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि भारतीयों पर हुए हमले नस्लीय थे। उन्होंने कहा मेरा खुद का नजरिया है कि यह आपराधिक गतिविधि है। मैंने नस्लीय होने के सबूत नहीं देखे हैं।
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