Friday, May 22, 2009

उत्तराखंड की कमान कोश्यारी को!

उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनाने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक गोपीनाथ मुंडे और थावरचंद गहलोत गुरूवार को देहरादून रवाना हो गए। शुक्रवार को तीन बजे वहां पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। मुंडे और गहलोत विधायकों से सलाह-मशविरा कर अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को सौंपेंगे। राजनाथ अन्य केंद्रीय नेताओं से बातचीत के बाद शनिवार को खंडूरी के उत्तराधिकारी का ऎलान कर सकते हैं। दौड में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी सबसे आगे हैं जबकि रमेश पोखरियाल निशंक और त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम भी चर्चा में बना हुआ है।खंडूरी और उनके समर्थक नहीं चाहते कि कोश्यारी के हाथ में बागडोर थमाई जाए लेकिन राज्य में गहरी पैठ को देख आलाकमान का झुकाव उनकी तरफ ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार, कोश्यारी का गढ माने जाने वाली कपकोट विधानसभा सीट पर 28 मई को होने जा रहे उपचुनाव के नतीजे पर पार्टी की सरकार का भविष्य टिका हुआ है। यही वजह है कि भाजपा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। सूत्रों के अनुसार, कोश्यारी को मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देकर कपकोट रवाना कर दिया गया है ताकि वे चुनाव पूर्व तैयारी में जुट जाएं। कोश्यारी वहां जम भी गए हैं। ऎसे में उनकी अनदेखी भारी पड जाएगी।इस बीच खंडूरी के पक्ष में सफाई देने उनके समर्थक दिल्ली पहुंचे। निशंक के अलावा प्रदेश अध्यक्ष ब“ाी सिंह रावत, राज्य के प्रभारी अनिल जैन और कृष्ण मुरारी मोघे ने राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उन्हें समझाया कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए अकेले खंडूरी जिम्मेदार नहीं। दूसरे कई कारण हैं जिन पर भी गौर करना चाहिए लेकिन, उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि अब फैसला विधायकों का मन टटोलकर लिया जाएगा। केंद्रीय पर्यवेक्षक जैसी रिपोर्ट देंगे उस आधार पर नाम का ऎलान कर दिया जाएगा। चूंकि उपचुनाव 28 को हैं इसलिए हर हाल में 25-26 तक नए मुख्यमंत्री का नाम घोषित करना पडेगा।

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