मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक नए मिशन में जुटना है। इसे पूरा करने के लिए उनके पास छह माह का समय है। यानी अब ये "टारगेट सिक्स मंथ" के लिए काम कर रहे हैं। मंत्रियों और अफसरों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान मिले नाराजगी भरे जनादेश के बाद अब प्रदेश की भाजपा सरकार कोई भी कसर नहीं छोडना चाहती, क्योंकि अगले छह माह में प्रदेश में फिर से चुनाव होने वाले हैं। ये चुनाव नगरीय निकाय और पंचायत के होंगे।इसलिए शिवराज सरकार ने अब एक बार फिर टारगेट पर काम करने की तैयारी शुरू की है। सरकार गठन के तुरंत बाद 100 दिनी कार्य योजना का फार्मूला अपना चुकी सरकार अब कोई कमी नहीं रहने देना चाहती। सरकारी महकमों को दो टूक शब्दों में कह दिया गया है कि वे जन हितैषी योजनाएं तैयार करने के साथ ही वर्तमान में चल रही सरकारी योजनाओं का अधिक से प्रचार-प्रसार करें। कर्ज माफी, सस्ते ऋण पर जोर सरकार का प्रयास है कि वादे के मुताबिक अधिकाधिक किसानों को 3 प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज मिल सके। इसमें सबसे बडा रोडा यह है कि जिन किसानों पर 50 हजार रूपए से अधिक का कर्ज बकाया है, उन्हें सस्ते में ऋण नहीं मिलेगा। हालांकि भाजपा ने घोषणा पत्र में किसानों से वादा किया है कि उनके कर्ज माफ कर दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक ऎसा हुआ नहीं है। अब लक्ष्य यही है किसानों के कर्ज माफ हों और उन्हें सस्ते कर्ज का लाभ मिले, क्योंकि पंचायतों के लिए ज्यादातर मतदाता तो यही किसान ही हैं। नवम्बर से फिर आचार संहिता प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक दिसम्बर में नगरीय निकाय के चुनाव होंगे और इसके बाद पंचायत चुनाव होंगे। यानी नवम्बर माह से प्रदेश में एक बार फिर चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऎसे में नवम्बर माह के पहले सरकार को सभी महत्वपूर्ण कार्य निपटाने होंगे।ऎसा नहीं हो पाया तो चुनाव आचार संहिता के बाद ही नए कार्य हो सकेंगे। नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनावों की जिम्मेदारी संभाले राज्य निर्वाचन कार्यालय सक्रिय हो गया है। सक्रियता इसलिए, क्योंकि चुनाव के लिए समय कम बचा है। टारगेट इन पर — लाडली लक्ष्मी व कन्यादान योजना, अन्त्योदय योजना, जननी सुरक्षा योजनाओं का और ज्यादा प्रचार-प्रसार। — छठे वेतनमान का लाभ व अन्य मामलों का निराकरण।— अंतरिम बजट के बाद आम बजट पेश करने की मशक्कत। — बजट में पंचायतों और नगरों के विकास के लिए विशेष्ा प्रावधान की तैयारी। — रूके हुए महत्वपूर्ण कार्यो को पूरा करना तथा नए कार्यो की स्वीकृति प्रदान करना।— अतिक्रमण मुक्ति व शहरों के सौंदर्यीकरण पर जोर।— सडकों के बेहतरीकरण और बिजली संकट दूर करना।
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