लोकसभा चुनाव में बीएसपी के खराब प्रदर्शन के बाद सोमवार को उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने राज्य के विभिन्न आयोगों और निगमों के 100 से ज्यादा अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों को उनके पद से हटा दिया। सिर्फ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की बहन आभा अग्निहोत्री को बख्शा गया है। लोकसभा चुनाव के परिणामों की समीक्षा के मायावती ने लिए मंगलवार को पार्टी उम्मीदवारों और जिला इकाइयों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। मायावती ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनता की शिकायतों का हल तुरंत निकालें। सरकारी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर राज्य के विभिन्न आयोगों के सभी अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों को बीएसपी कार्यालय में तलब किया गया। बीएसपी महासचिव बाबू सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में आयोगों के पदाधिकारियों की बैठक में इन लोगों तुरंत अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने को कहा गया। इन सभी को लोकसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सूत्रों ने बताया कि बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की बहन आभा अग्निहोत्री को छोड़कर राज्य के सभी आयोगों व निगमों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों से इस्तीफे ले लिए गए हैं। इन सभी अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है। बीएसपी सूत्रों ने कहा कि बताया कि मंगलवार की बैठक में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी संयोजकों, पदाधिकारियों के साथ निर्वाचित सांसदों व विधायकों को भी बुलाया गया है। इस बैठक में मायावती पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों पर चर्चा करेंगी और पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की भी संभावना है।
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