कांग्रेस ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगली सरकार का स्वरूप वह उन सहयोगियों से विचार विमर्श कर तय करेगी जो पूरे समय उसके साथ रहे और मिलकर चुनाव लड़ा। पार्टी के इस बयान से साफ है कि उसने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोकजन शक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान से दूरी बनानी शुरू कर दी है जो सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में रहते हुये भी बिहार में उसके खिलाफ चुनाव लड़े थे। यहां आज हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि अगले मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक होने के बाद पार्टी अपने चुनाव पूर्व सहयोगियों से विचार विमर्श कर यह तय करेगी कि अगली सरकार के गठन के संबंध में आगे क्या कदम उठाने हैं तथा किससे बात करनी है। संवाददाताओं के बार-बार पूछने पर उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस विचार विमर्श में यादव और पासवान शामिल होंगे या नहीं। इससे जुड़े प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे साथ रहे हैं और हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ा है उनसे बातचीत कर हम यह तय करेंगे कि सरकार में किसको शामिल करना है। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यादव और पासवान संप्रग के हिस्सा हैं। सरकार में धर्मनिरपेक्ष दलों को शामिल करने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी अकेले नहीं बल्कि सहयोगियों से सलाक मशविरे से ही तय करेगी। उन्होंने कहा कि वैसे कांग्रेस और उसके सहयोगियों की संख्या २६३ हो गई है। इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर कि पार्टी ने धर्मनिरपेक्ष दलों को खुला निमंत्रण दिया है उन्होंने कहा कि हमने कहा है कि धर्मनिरपेक्ष दलों का समर्थन के लिये स्वागत है तथा धर्मनिरपेक्ष दल वही होगा जिसका भाजपा और शिवसेना से कोई नाता नहीं हो। इस बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के प्रभारी इकबाल ङ्क्षसह ने कहा है कि हमें लालू प्रसाद यादव की जरूरत नहीं है।
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