विरोध में जब लड़े तो लड़े, अब तो वक्त है कांग्रेस और केंद्र से दोस्ती, बल्कि एक कदम आगे बढ़कर दोस्ती का। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नया फार्मूला कुछ ऐसा ही है। शायद इसीलिए गुरूवार को केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार के साथ ही नीतीश ने सभी मंत्रियों को फूलों का गुलदस्ता भेजकर अपना संदेश दे दिया है। गुरुवार को जहां शपथ ग्रहण के घंटों बाद तक मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर असमंजस था, नीतीश के दूत काम पर थे। बताते हैं कि बुधवार को मंत्रियों की सूची तय होने के साथ ही नीतीश ने दिल्ली स्थित अधिकारियों को सभी मंत्रियों तक गुलदस्ता और शुभकामना का संदेश भेजने का निर्देश दे दिया था। गुरूवार की शाम तक अधिकतर गुलदस्ते उन तक पहुंच भी गए। मुख्यमंत्री की शुभकामना साथ थी। मंत्रियों को किसी मुख्यमंत्री की ओर से मिलने वाला संभवत: यह पहला गुलदस्ता था। यानी नीतीश ने पहला कदम बढ़ा दिया है। इस गुलदस्ते के सहारे भविष्य के संबंध स्थापित करने की कोशिश होगी। जाहिर तौर पर नीतीश की यह पहल बिहार के विकास के मद्देनजर है, लेकिन सहयोगी भाजपा में थोड़ी परेशानी भी है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में नीतीश और कांग्रेस के संबंधों को लेकर कुछ चर्चाएं होती रही हैं। हालांकि नीतीश इसे नकार चुके हैं लेकिन उड़ीसा में बीजू जनता दल के रूख के बाद पार्टी का विश्वास थोड़ा डिगा है। बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। जाहिर है कि भाजपा में थोड़ा संशय है। हालांकि पार्टी के राज्य सभा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इसे सकारात्मक रूप से लिया। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए केंद्र के साथ अच्छे संबंध जरूरी हैं। नीतीश ने गुलदस्ते भेजकर शुभकामनाएं दी हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं।
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