Sunday, May 31, 2009

नजारा काफी बदला बदला

सोमवार से शुरू हो रही पंद्रहवीं लोकसभा की बैठक का नजारा काफी बदला बदला नजर आएगा, क्योंकि नए सदन में जहां अनेक दिग्गज नहीं होंगे, वहीं पिछली लोकसभा के तकरीबन 175 सदस्य ही नई लोकसभा में दिखाई देंगे। इस बार विपक्षी खेमे की अगली पंक्ति में लालकृष्ण आडवाणी के अलावा जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह जैसे भाजपा के प्रमुख नेता होंगे, जबकि पिछली बार आडवाणी के साथ विजय कुमार मल्होत्रा ही भाजपा की तरफ से कमान संभालते थे। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बन जाने के बाद मल्होत्रा ने इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। वहीं, राजग के प्रमुख घटक जनता दल (यू) के खेमे में 20 सांसद विराजमान होंगे जो बिहार से चुन कर आए हैं। पिछली बार जदयू के सिर्फ आठ सदस्य होते थे और सदन में पार्टी की कमान उसके मुखर नेता प्रभुनाथ सिंह के हाथों में होती थी। इस बार प्रभुनाथ सिंह सदन में नजर नहीं आएंगे क्योंकि वह बिहार के महराजगंज से चुनाव हार गए है। इस बार वाममोर्चा भी पूरी तरह विपक्ष की भूमिका में नजर आएगी, हालांकि पिछली बार के मुकाबले उसके सदस्यों की संख्या इस बार करीब आधी रह गई है और उसके मुखर वक्ता मोहम्मद सलीम भी सदन में नहीं होंगे। पिछली लोकसभा में सत्ता पक्ष की पहली कतार में अकसर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के बगल में बैठे नजर आने वाले राजद के लालू प्रसाद की इस बार उनसे दूरी बढ़ जाएगी, क्योंकि हाल के चुनाव में उनकी पार्टी के सदस्यों की संख्या 24 से घटकर मात्र चार रह गई है और पार्टी का संप्रग सरकार को बाहर से ही समर्थन है। वैसे सदन में जोरदार आवाज में अपनी बात रखने और ज्यादातर समय सदन में उपस्थित रहने वाले राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह अब संभवत: अपने पुराने रंग में नजर आएंगे और हर तरह की चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। पिछली लोकसभा में केंद्रीय मंत्री रहने के कारण सदन में उन्हें बोलने का बहुत ही कम मौका मिलता था। उधर हर चर्चा में हिस्सा लेने वाले राजद के दूसरे प्रमुख नेता देवेन्द्र प्रसाद यादव और रामकृपाल यादव जैसे नेता इस बार सदन में नहीं होंगे।

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