द्रमुक सुप्रीमो एम. करूणानिधि संप्रग सरकार में शामिल होने के लिए मान गए हैं। समझा जाता है कि द्रमुक अपने तीन केबिनेट और चार राज्य मंत्री बनाए जाने की शर्त पर सहमत हुई है। द्रमुक के मंत्रियों के नामों की घोषणा सोमवार को की जाएगी। उम्मीद है कि मनमोहन सरकार के मंगलवार को सम्भावित विस्तार में द्रमुक के मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। पिछले तीन दिन से जारी वार्ताओं से जुडे सूत्रों के मुताबिक करूणानिधि के बडे बेटे एम.के. अझागिरी, द्रमुक प्रमुख के भतीजे के बेटे दयानिधि मारन और ए. राजा केबिनेट मंत्री होंगे। इसके अलावा पार्टी के चार राज्य मंत्री भी केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में शामिल होंगे। चर्चा है कि बालू इस बार मंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्हें लोकसभा उपाध्यक्ष पद की पेशकश की गई है। वरिष्ठ द्रमुक नेता आरकॉट वीरास्वामी ने बताया कि पार्टी संप्रग सरकार में शामिल हो रही है। करूणानिधि ने रविवार को पार्टी की कोर कमेटी के नेताओं से एक-एक कर चर्चा की। इस चर्चा के बाद उन्होंने सरकार में शामिल होने का फैसला किया। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के.नारायणन की रविवार सुबह करूणानिधि से शनिवार रात और फिर रविवार सुबह हुई मुलाकातों के बाद द्रमुक के रूख में नरमी आई है। उल्लेखनीय है कि द्रमुक चार केबिनेट मंत्री पदों की मांग कर रही थी, जबकि कांग्रेस उसे तीन से अधिक केबिनेट पद देने को तैयार नहीं थी। इस गतिरोध के चलते ही करूणानिधि 22 मई को मनमोहन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही अपने ज्यादातर सहयोगियों के साथ चेन्नई लौट गए थे और उन्होंने सरकार को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की थी।कनीमोझी पर विरोधाभासकरूणानिधि की बेटी कनीमोझी को लेकर विरोधाभासी खबरें हैं। पहले कुछ सूत्रों ने दावा किया था कि कनीमोझी मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री बनने जा रही हैं। लेकिन बाद में बताया गया कि उन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में शामिल होने का इराद छोडकर फिलहाल संगठन पर ध्यान देने का फैसला किया है। लेकिन कनीमोझी ने अपने निवास के बाहर पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अपना दावा छोडा नहीं है, मगर फिलहाल वह इस बारे में कुछ कहना नहीं चाहतीं।
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