बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन की समीक्षा करने के साथ ही तीन साल बाद आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार देर रात तक चली विधायकों की बैठक में उनसे विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा गया है। साथ ही विधायकों की समस्याओं के समाधान के लिए नई व्यवस्था की गई है। अब सप्ताह में दो दिन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा पार्टी दफ्तर में विधायकों से मिलेंगे और मुख्यमंत्री सचिवालय में दो बार अर्जी देने के बाद सुनवाई न होने पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा। मुख्यमंत्री और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सफलता न मिलने पर समीक्षा के लिए यहां मंगलवार और बुधवार को बैठक आयोजित की थी। पहले दिन की बैठक राष्ट्रीय स्तर की थी। इस बैठक में पार्टी की जिला एवं विधानसभा इकाइयों को छोडकर सभी भाईचारा एवं कमेटियां भंग कर दी थी। दूसरे दिन जब विधायकों के साथ बैठक हुई तो विधायकों ने मुख्यमंत्री के सामने पीडा रखी कि अफसर उनकी सुनते नहीं हैं और न ही उन तक सही बात पहुंचाते हैं। विधायकों ने लोकसभा चुनाव में बसपा को अपेक्षित परिणाम न मिलने के लिए नौकरशाही की निरंकुशता को जिम्मेदार ठहराया।बसपा अध्यक्ष ने अपनी पार्टी में मण्डल प्रभारी के पद समाप्त कर दिए। कोआर्डिनेटरों की बैठक में उन्होंने जोन स्तर पर कोआर्डिनेटर बनाने का फैसला किया। पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को 11 जोन में बाँटा गया है। कई कोआर्डिनेटर बदले गए हैं। नये चेहरों को संगठन में जिम्मेदारी दी गई है। नये कोआर्डिनेटरों से उच्च वर्ग, मुस्लिम और अति पिछडी जातियों को जोडने को कहा गया। नई जिम्मेदारी बांटने में लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को आधार बनाया गया है। लखनऊ और इलाहाबाद मण्डल को मिलाकर एक जोन बनाया गया है। इस जोन में इन्द्रजीत सरोज को हटाकर लालजी वर्मा को जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ विधान परिषद सदस्य जुगल किशोर और रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी के खिलाफ एक लाख वोट पाने वाले आर.एस. कुशवाहा को भी जोडा गया है।
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