केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने चिंता और चुनौती की नाव में सवार होकर सोमवार से अपनी दूसरी पारी का सफर शुरू कर दिया। पाक के प्रति तल्ख तेवर, आतंक एवं नक्सलवाद पर पुरानी आक्रामकता और देश के सुरक्षा तंत्र को दुरूस्त करने की चिंता जाहिर कर उन्होंने यह जताने का भरपूर प्रयास किया कि सुरक्षा के लिए वह नई पारी में नए तरीके की लडाई छेडने जा रहे हैं।मुम्बई हमले पर पाकिस्तान को कठघरे में खडा करने की अपनी कूटनीतिक सफलता से उत्साहित चिदम्बरम ने दो टूक कहा कि अब उस पर किसी और सबूत की जरूरत नहीं है। भारत की ओर से दिए गए तीन डोसियर में इतने प्रमाण हैं कि उसके आधार पर पाक कसाब पर कार्रवाई कर सकता है। चिदम्बरम ने साफ किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ हर वह कदम उठा रहा है जिससे उसे मिटाया जा सके। उनके अनुसार आतंकवाद विरोधी कानून के प्रभावी होने के बाद सुरक्षा प्रणाली को बेहतर करने की दिशा में काम तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की देश में एनसीटीसी खोलने की योजना है, लेकिन यह काम मैक के पूरी तरह कार्य करने के बाद किया जाएगा। फांसी पर नया फंदाअफजल गुरू की फांसी को लेकर हो रही राजनीति पर चिदम्बरम ने तोड ढूंढ लिया है। उन्होंने अपने मंत्रालय के आला अफसरों को निर्देशित कर दिया है कि मर्सी के लंबित केसों का जल्द निपटारा कर उस मामले को आगे बढाएं। केन्द्रीय गृहमंत्रालय में फांसी के 28 मामले लंबित हैं जिसमें अफजल का मामला 22 वें स्थान पर है। नक्सल पर लगेगी लगामनक्सलवाद से निपटने के लिए केन्द्र सरकार और सख्त कदम उठाने जा रही है। चिदम्बरम ने बताया कि विकास विरोधी नक्सलियों के विरूद्ध कडी पुलिस कार्रवाई करने के बाद उस क्षेत्र का समुचित विकास कर नक्सलियों के मंसूबों को खत्म करने का काम किया जाएगा।भरे जाएंगे पदकेन्द्र सरकार ने लम्बे समय से खाली पडे आईपीएस के पदों पर भर्ती की योजना बना ली है। इस काम को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चिदम्बरम ने कहा कि सारी भर्ती एक साथ इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि उससे पदोन्नति में दिक्कत आएगी।
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