यूपीए के सहयोगियों ने सरकार के गठन और मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक बार फिर अपना अध्यक्ष चुन लिया। सहयोगी दलों से समर्थन के पत्र प्राप्त होने के बाद मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी शाम 5 बजे राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। सूत्रों का कहना है कि नई सरकार को शुक्रवार को शपथ दिलाई जाएगी। 10 जनपथ पर हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लगातार दूसरी बार यूपीए का अध्यक्ष चुना गया। डीएमके चीफ एम. करुणानिधि ने सोनिया गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अनुमोदन किया। बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने कहा, 'सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ कि सोनिया और मनमोहन सिंह एक साथ राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।' उन्होनें कहा, 'हमने राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। मैंने कहा कि एक न्यूनमत साझा एजेंडा होना चाहिए और एक ऐसी समिति बननी चाहिए जो सभी दलों की बातों को सुन सके।' अब्दुल्ला ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ''हमने बिना शर्त समर्थन दिया है। नैशनल कॉन्फ्रेंस यूपीए की सहयोगी है और वहींबने रहने की इच्छुक है।' पार्टी की ओर से मंत्री पद की मांग किए जाने संबंधी रपटों को खारिज करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थों वाले लोगों ने नैशनल कॉन्फ्रेंस की छवि खराब करने की कोशिश की है। बैठक में शामिल नेताओं में डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, एनसी अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, मुस्लिम लीग के नेता ई. अहमद, प्रमुख शिबू सोरेन और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन नेता असादुद्दीन ओवाइसी प्रमुख हैं। बैठक में विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, राहुल गांधी और ए.के. एंटनी भी भाग ले रहे हैं। NBT
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