विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी मंगलवार को वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। पन्द्रह मिनट की संक्षिप्त मुलाकात को उन्होंने शिष्टाचार भेंट करार देते हुए बताया कि पूरे पांच साल वे लोकसभा में सदन के नेता रहे जबकि आडवाणी नेता प्रतिपक्ष। उनकी इच्छा थी कि इस दौरान सरकार को विपक्ष की ओर से मिले सहयोग के लिए वे नेता प्रतिपक्ष का आभार जताते सो खुद ही मिलने चले आए। आडवाणी से मिलने के पीछे उनकी दूसरी कोई मंशा न थी। प्रणव ने भले इसे शिष्टाचार भेंट कहा हो लेकिन असली वजह लंबे समय से विवाद में घिरे रहने वाले चुनाव आयुक्त नवीन चावला की मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर संभावित नियुक्ति बताई जा रही है। मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी बीस अप्रेल को अवकाश ग्रहण कर लेंगे। कांग्रेस के करीबी कहलाने वाले चावला को उनकी जगह मिलना लगभग तय है। चावला के सत्तारूढ दल के साथ घनिष्ठ संबंधों को देखकर ही भाजपा लंबे समय से उनका विरोध करती रही है। चुनाव आयुक्त पर पक्षपातपूर्ण रवैये के आरोप के साथ उसने राष्ट्रपति से लेकर ऊपरी अदालत तक का दरवाजा खटखटाया। विपक्ष से नजदीकी रखने वाले मुख्य चुनाव आयुक्त का नवीन चावला को हटाने की सिफारिश करना इसी मुहिम का हिस्सा था लेकिन, राष्ट्रपति ने इसे ठुकराकर उनका रास्ता साफ कर दिया। सोमवार को चुनावी तारीखों के ऎलान के साथ ही आदर्श चुनाव संहिता लागू हो चुकी है। ऎसा पहली बार होगा जब देश में आम चुनाव दो मुख्य चुनाव आयुक्तों की देखरेख में पूरे होंगे। चुनावी बिगुल गोपालस्वामी ने फूंका है लेकिन सोलह मई को मतगणना के बाद नतीजों का ऎलान नए मुख्य चुनाव आयुक्त करेंगे। कांग्रेस को इस बात का अहसास है कि चावला को नियुक्त करते ही विपक्ष फिर बवाल खडा करेगा इसलिए फैसले से पहले उसे भरोसे में लेना बेहतर होगा। यही विश्वास जगाने के लिए प्रणव को आडवाणी के पास जाना पडा। मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा कैबिनेट सचिव व कुछ अन्य वरिष्ठ अफसर भी इस बीच अवकाश लेने वाले हैं। अनुमान है कि प्रणव ने इस बाबत भी आडवाणी को जानकारी दी है ताकि आदर्श आचार संहिता के नाम पर विपक्ष सरकार की नाक में दम न कर सके। इससे पूर्व विदेश मंत्री ने सुबह एक कार्यक्रम के दौरान लाहौर में श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को आगाह किया। उन्होंने दो-टूक कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि इससे भारत का कोई लेना देना नहीं। पाकिस्तान को चाहिए कि वह अपनी जमीन पर जड जमा चुके आतंकी ढांचे को नष्ट कर दे।
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