राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक कुप्पहल्ली सीतारमैय्या सुदर्शन ने केन्द्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री अर्जुन सिंह, एनसीईआरटी (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग) और मौजूदा शिक्षा पद्धति पर करारा प्रहार किया है। एनसीईआरटी में ऎसे लोग बैठे हैं जिन्हें देश के गौरवमयी इतिहास का बोध नहीं है। भारतीय विचार संस्थान के बौद्धिक कार्यक्रम में शनिवार को सुदर्शन ने कहा कि एनसीईआरटी की सातवीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक "हमारा अतीत" में मध्यकाल के मुगल आक्रमण और मुगल बादशाहों की जानकारी 80 पृष्ठों में दी गई है, जबकि छत्रपति शिवाजी को महज 8 पंक्तियों में समेट दिया गया है। यह सब केन्द्रीय मंत्री अर्जुन सिंह ने किया है। देश के लिए कौन फांसी पर चढा, किसने बलिदान दिया और किसने पूरा जीवन स्वाधीनता के लिए समर्पित कर दिया, इससे एनसीईआरटी के लोगों को कोई लेना-देना नहीं है। बच्चों को जब तक यह जानकारी नहीं मिलेगी तब तक उनमें देश और समाज के प्रति अपनापन कैसे पैदा होगा। 60 वर्षो से वही शिक्षा पद्धति चली आ रही है जिसमें बदलाव की जरूरत है। सरसंघचालक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि वे प्रदेश में इसकी पहल करें। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने की जरूरत है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय संघचालक श्रीकृष्ण माहेश्वरी, सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, सह सरकार्यवाह मदनदास देवी, प्रांत संघचालक शशिभाई सेठ तथा मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।
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