देश में पहली बार ऎसा हुआ है कि किसी भी पार्टी के प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री पद का दावेदार व्यक्ति स्वयं चुनाव न लड रहा हो। भारत में स्वतंत्रता से लेकर अब तक पंद्रह प्रधानमंत्री हुए हैं और सभी लोकसभा सदस्य रहे हैं। अकेले डा. मनमोहन सिंह हैं जो कभी लोकसभा सदस्य नहीं रहे और कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होने के बावजूद लोकसभा का चुनाव नहीं लड रहे। दिल्ली प्रदेश भाजपा अभियान समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रोफेसर विजयकुमार मल्होत्रा ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में यह सवाल उठाते हुए कहा कि विश्व के सभी जनतांत्रिक देशों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार चुनाव लडते हैं परन्तु मनमोहन सिंह चुनाव लडने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। सारे हिन्दुस्तान में कांग्रेस को एक सीट सुरक्षित नहीं मिली जिस पर वह मनमोहन सिंह को चुनाव लडवा सके।न पानी न बिजली, फिर भी विकासमल्होत्रा ने मनमोहन सिंह के दिल्ली में कांग्रेस सरकार के विकास के कामों का बखान किए जाने पर टिप्पणी की कि यह कैसा विकास है जिसमें पानी का अकाल है। दो तिहाई दिल्ली टेंकरों का विषैला पानी पीने को मजबूर है। यही नहीं इस भीषण गर्मी में बिजली पांच घंटे से दस घंटे तक क्यों जाती है! कंपनियों, कारखानों, दुकानों, मॉलों से लाखों लोग नौकरी से निकाले गए हैं, सरकार ने उनके लिए क्या किया है! स्कूलों की फीस में जो हजारों रूपए की वृद्धि हुई है उसे रोकने के लिए सरकार ने कदम क्यों नहीं उठाए! गंदे नाले के रूप में बह रही यमुना और खत्म हो रहे रिज व दिल्ली की हरित पट्टी को हानि पहुंचाने से रोकने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाए!
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