लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जहां कांग्रेस का पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ सीटों को लेकर समझौता हो गया, वहीं उत्तर प्रदेश को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस बीच कांग्रेस ने मध्यप्रदेश, असम और नागालैंड के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। तीसरे मोर्चे पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह मौसमी मोर्चा होता है और बाद में अपने आप ही समाप्त हो जाता है। प्रदेश प्रभारी केशवराय ने गुरूवार को पत्रकारों को बताया कि पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से कांग्रेस 14 पर लडेगी बाकी पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में होंगे। उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस की सीटों को लेकर सहमति बन गई है। कांग्रेस और तृणमूल का गठबंधन इस बार प्रदेश में सबसे ज्यादा सीटें जीतेगा।उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहेगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और सपा दोनों दल अधिकृत रूप से गठबंधन तोडने को लेकर कोई बयान नहीं देंगे। साथ ही दोस्ताना मुकाबले के तहत दोनों दल चुनाव लडेंगे। कांग्रेस द्वारा गुरूवार को जारी की गई पहली सूची में प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी का नाम नहीं है। मौजूदा सभी सांसदों को टिकट दिया गया है। जारी सूची में मुरैना से रामनिवास रावत, ग्वालियर से अशोक सिंह, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, टीकमगढ से वी अहीरवार, दमोह से चन्द्रभान सिंह, रीवा से सुंदरलाल तिवारी, बालाघाट से विश्वेश्वर भगत, छिंदवाडा से कमलनाथ, रतलाम से कांतिलाल भूरिया, खंडवा से अरूण यादव, धार से गजेंद्रसिंह, बेतुल से ओजाराम तथा नागालैंड से के ऎ संगटमा। असम के लिए 11 नाम घोषित किए गए हैं जिसमें सभी सांसद शामिल हैं। चंडीगढ से पवन बंसल को फिर टिकट दिया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि तीसरे मोर्चे को लेकर कांग्रेस चिंतित नहीं है। इस तरह के मोर्चे कई बार बने हैं और टूटते रहे हैं। चुनाव के समय इस तरह का ड्रामा पहले भी होता रहा है। इस बार भी कुछ दल प्रयास में लगे हैं। जिसका कोई वजूद चुनाव बाद नहीं रहेगा।
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