राजसमंद।जिला प्रमुख के प्रतिष्ठित पद के लिए मंगलवार को उपचुनाव में तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा भितरघात को नहीं रोक पाई। जिससे वरिष्ठ नेताओं को कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के रोष का सामना करना पडा है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस करारी शिकस्त ने पार्टी को आत्ममंथन पर मजबूर कर दिया है। वहीं कांग्रेस के खेमे में हर्ष का माहौल है। गत दिनों जिला परिषद की तीन सीटों के लिए उपचुनाव के बाद पच्चीस सदस्यीय बोर्ड में भाजपा सदस्यों की संख्या 16 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या 8 हो गई थी। वार्ड संख्या 6 अभी रिक्त है। ऎसे में भाजपा का जिला प्रमुख पद पर कब्जा तय था, लेकिन चुनाव में भितरघात ने पार्टी को संकट में डाल दिया। चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 16 में से केवल नौ मत मिले। वहीं आठ सदस्य होने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी को 15 मत मिले। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने चुनाव से पूर्व ही भाजपा में भितरघात की आशंका जताई थी।कांग्रेस प्रत्याशी की जीत पर भाजपा कार्यकर्ता बिफर पडे। परिणाम की घोषणा के दौरान पार्टी से भीम विधायक हरिसिंह रावत, राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी, पूर्व मंत्री सुरेन्द्रसिंह राठौड, जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड, पूर्व कार्यकारी जिला प्रमुख नंदलाल सिंघवी आदि पार्टी पदाधिकारी जिला प्रमुख कार्यालय में बैठे थे। इनके समक्ष कार्यकर्ताओं ने दगाबाज सदस्यों के प्रति नाराजगी व्यक्त की। भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद सभी नेता एक-एक कर जिला परिषद परिसर से चले गए। जिला प्रमुख पद के लिए एक से अधिक दावेदार होने से पार्टी पर्यवेक्षक रामपाल जाट ने सोमवार देर शाम आम सहमति बनाने का प्रयास किया। मंगलवार सुबह तक आम सहमति नहीं बनने पर जिला परिषद सदस्यों से मतदान कराया गया जिसमें गणेशदास वैरागी को 12 मत मिले। इस पर पार्टी ने वैरागी को प्रत्याशी बनाया। स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा सदस्यों ने पहली बार पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ मतदान किया। इससे पूर्व कांगे्रस के पास बहुमत होने पर भी भाजपा पालिकाध्यक्ष और प्रधान के पद पर कब्जा जमा चुकी है। भाजपा में भितरघात की आशंका के चलते प्रदेश के वरिष्ठ नेता स्थिति पर नजर रखे हुए थे। संगठन के महामंत्री रामपाल जाट को पर्यवेक्षक बना कर भेजा गया। मतदान के दौरान भाजपा के दो विधायक और जिला स्तरीय पदाधिकारी जिला परिषद में मौजूद रहे, जबकि कांग्रेस का कोई बडा नेता वहां नहीं था।एक नामाक्षर के जिला प्रमुखजिला प्रमुख नरेन्द्र सिंह सोलंकी के निधन पर नंदलाल सिंघवी कार्यवाहक प्रमुख बने। मंगलवार को कांग्रेस से नारायणसिंह भाटी जिला प्रमुख चुने गए। अब तक के तीन जिला प्रमुखों के नाम "न" अक्षर से ही शुरू होते हैं। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण कांग्रेस विजय जुलूस नहीं निकाल पाई। परिणाम की घोषणा होते ही कार्यकर्ताओं ने भाटी को कंधों पर उठा लिया। भाटी के घर पर ढोल-नगाडे बजाए गए और गुलाल लगा कर खुशियां मनाई। इस अवसर पर कुम्भलगढ विधायक गणेश सिंह परमार भी उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment