Thursday, March 5, 2009

उत्तर प्रदेश को लेकर कांग्रेस दुविधा में

चुनाव सिर पर होने के बाद भी उत्तर प्रदेश को लेकर कांग्रेस अभी भी दुविधा में घिरी हुई है।कांग्रेस तय नहीं कर पा रही है कि प्रदेश में वह सपा के साथ गठबंधन बनाए रखे या अकेले चुनाव लडे। बुधवार को 24 नामों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस गुरूवार को फिर उम्मीद जताई है कि प्रदेश में गठबंधन बना रहेगा। पार्टी के इस रूख से प्रदेश के नेताओं व कार्यकर्ताओं में भारी रोष व्याप्त है।प्रदेश के कांग्रेसी तो पूरी तरह से गठबंधन के खिलाफ हैं। कांग्रेस का संकट यह है कि उसके कर्ताधर्ता अकेले चुनाव लडने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। आलाम यह है कि कल घोषित की गई 24 सीटों में से कल्याण सिंह के खिलाफ पार्टी ने प्रत्याशी की घोषणा अभी नहीं की है। हालंकि कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश की एक और सूची आएगी। यह सूची कब आएगी इस संबंध में प्रदेश प्रभारी पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह कहते हैं कि जल्द आएगी। सपा के साथ बातचीत की प्रक्रिया जारी है और पार्टी को उम्मीद है कि बीच का कोई रास्ता निकल आएगा। दूसरी तरफ पूर्व प्रदेश प्रभारी सत्यव्रत चर्तुवेदी कहते हैं कि प्रदेश में गठबंधन अब टूट की कगार पर है। इन नेताओं के बयानों से कार्यकर्ता व नेता और दुविधा में घिर गए हैं।प्रदेश के नेता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर उत्तर प्रदेश जैसे बडे राज्य में कांग्रेस के कर्ताधर्ता चाहते क्या हैंक् दरअसल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का संकट यह है कि वह सपा के साथ तालमेल तो चाहती ,लेकिन साथ ही कम सीटों पर समझौता कर वह दबाव वाला संदेश नहीं देना चाहती है। प्रदेश के नेता इस बात से परेशान हैं कि यदि तालमेल ही करना है तो फिर पहली सूची व दूसरी सूची का क्या मतलब हैक्इसके अलावा कल्याण सिंह के खिलाफ अभी तक प्रत्याशी की घोषणा क्यों नहीं ककी गईक् कल्याण ने एटा से चुनाव लडने की घोषणा की हुई है।जानकार मान रहे है कि नाम वापस लेने तक सपा व कंाग्रेस के बीच इसी तरह ड्रामा होता रहेगा।

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