Friday, March 13, 2009

आडवाणी के लिए नई समस्या

लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य सुधांशु मित्तल को पूर्वोत्तर राज्यों का सह प्रभारी बनाए जाने को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और महासचिव अरूण जेटली के बीच ठन गई है। नतीजतन शनिवार को होने वाली पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 17 मार्च तक टल गई है।अगले चुनावों के लिए मुख्यप्रबंधक बनाए गए जेटली भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की शुक्रवार को दो चरणों में हुई बैठक में भाग लेने नहीं आए। यही नहीं, चुनाव समिति की बैठक के बाद होने वाली प्रेस वार्ता भी रद्द कर दी गई और आडवाणी, सिंह और वेंकैया नायडू समेत सभी नेता जेटली की अनुपस्थिति के बारे में पूछे गए प्रश्नों को टाल गए। चुनाव समिति की इन बैठकों में आडवाणी और सिंह के अलावा वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, एम. वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज, बाल आप्टे, रामलाल, थावर चंद गहलोत, गोपीनाथ मुंडे, अनंत कुमार, विजय गोयल और विजय कुमार मलहोत्रा मौजूद थे।समझा जाता है कि आडवाणी ने जेटली को बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुलाया भी लेकिन उन्होंने बैठक में शिरकत करने के हर आग्रह को टाल दिया। अलबत्ता भाजपा मुख्यालय में आने से कतराते रहे जेटली दोपहर में आडवाणी के निवास पर जनता दल- यू के शीर्ष नेताओं के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में हुई बैठक में भाग लेने गए। लेकिन इस बैठक में सिंह ने हिस्सा नहीं लिया। सिंह की अनुपस्थिति में इस बैठक में भाजपा और जद-यू के बीच सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगा दी गई जिसके तहत जद-यू और भाजपा राज्य की 40 सीटों में से क्रमश: 25 और 15 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। भाजपा अध्यक्ष ने मित्तल को इसी हफ्ते पूर्वात्तर राज्यों का सह प्रभारी नियुक्त किया है। समझा जाता है कि जेटली इस बात से खफा हैं कि मित्तल को अचानक इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे सौंपी गई जबकि उन्होंने पार्टी में अब तक कोई भी अहम जिम्मेदारी नहीं संभाली है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मित्तल की नियुक्ति को लेकर पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं में ठन जाने से आडवाणी के लिए नई परेशानी खड़ी हो गई है। अब इस विवाद को आडवाणी ही सुलझा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि पार्टी की चुनाव समिति की बैठक अब कल के बजाए 17 मार्च को होगी जिसमें महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान बिहार और दिल्ली के उम्मीदवारों के नामों पर विचार किए जाने की संभावना है।

No comments: