Friday, March 6, 2009

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तोडने का अभियान

लखनऊ।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने यूपी में अपनी जडें जमाने का कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तोडने का अभियान छेड दिया है। यदि यह अभियान इसी गति से चलता रहा तो यह पार्टी महाराष्ट्र जैसी स्थिति हासिल कर सकती है। पिछले 8 वष्ाü से यूपी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व सुस्त था और इसलिए संगठन का ढांचा खडा नहीं हो पाया। लेकिन वष्ाü 2009 की शुरूआत में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री बनने के अपने लक्ष्य के तहत चतुराई दिखाई है और कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं को तोडकर अपनी पार्टी की यूपी इकाई का नेतृत्व सौंपा है। नए नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष फजले मसूद ने कांग्रेस छोडने के बाद पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पद संभाला है। फजले मसूद के साथ कांग्रेस के एक मजबूत नेता तालिब अली भी पार्टी में आए हैं। दोनों की जुगलबंदी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तोडने का अभियान चल रहा है। कांग्रेस की प्रदेश में हालत पहले ही पतली थी और इस अभियान के चलते जनपदों में इकाइयाें की ताकत तेजी से घट रही है। रोजाना डेढ से दो दर्जन कार्यकर्ता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले रहे हैं। फजले मसूद ने घोष्ाणा की है कि अगली विधानसभा हमारी पार्टी के बगैर नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिघित्व नहीं है। फजले मसूद ने झांसी के चौ. मोहम्मद मकसूद को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष मनोनीत करवा कर अल्पसंख्यकों को जोडने का काम तेज कर दिया है। इसी तरह पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष गाजियाबाद के के.के.शर्मा को नियुक्त करने की तैयारी है। अपने साथ कांग्रेस छोडकर आए तालिब अली को मीडिया और संगठन प्रभारी नियुक्त किया गया है। फजले मसूद पूर्व विधायक और पूर्व विधान परिष्ाद सदस्य हैं। तालिब अली कांग्रेस के जवाहर लाल नेहरू अरबन रिनिवल मिशन टास्कफोर्स के चेयरमैन रहे हैं और उन्हें संगठन के मामलों का अच्छा अनुभव है।

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