कांग्रेस ने दावा किया है कि राजस्थान में पूर्व सैनिकों का मत उन्हें ही मिलेगा। कांग्रेस के सचिव व पूर्व सैनिक विभाग के प्रभारी प्रवीण डावर ने यह दावा करते हुए कहा कि सैनिकों के कल्याण के लिए कांग्रेस के शासन में ही फैसले किए जाते रहे हैं। संप्रग सरकार ने जहां सैनिकों के वेतन में तीन गुना बढाया वहीं कांग्रेस के शासनकाल जमाने में नि:शुल्क राशन की व्यवस्था लागू की गई थी जिसका लाभ फौजी अफसरों को मिल रहा है। उन्होंने कुछ पूर्व सैनिकों द्वारा मैडल वापसी पर दु:ख जताया। उन्होंने कहा कि यह सेना की परंपरा के विरूद्ध है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने इस मामले में राजनीति की है। भाजपा का सैनिकों के प्रति प्रेम पूरी तरह से दिखावा है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वन रेंक वन पेंशन की बात की है। भाजपा का यह वायदा महज सैनिकों की वोट पाने के लिए किया गया है। डावर ने कहा भाजपा सैनिकों को पहले भी धोखा दे चुकी है। भाजपा ने यही वायदा 1999 में भी किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद इसे भूल गए। यही नहीं वाजपेयी सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया। डावर ने कहा कि पूर्व सैनिकों को भाजपा के बहकावे में नहीं आना चाहिए। राजस्थान में फौजियों की बडी संख्या है। फौजियों ने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी चुनाव में राज्य के फौजी कांग्रेस को अपना मत देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में वापसी के बाद सैनिकों के कल्याण केे लिए कई कार्यक्रम बनाएगी। इस संबंध में सोनिया गांधी भी प्रयासरत हैं।
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