Sunday, May 17, 2009

कांग्रेस कोर समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी सफलता मिलने के बाद नई सरकार के गठन और आगे की रणनीति तय करने के लिए आज दिल्ली में कांग्रेस कोर समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई गई है। बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस और यूपीए के लगभग सभी वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। बैठक में नई सरकार के गठन को लेकर विचार किया जाएगा। चुनाव में कांग्रेस सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी है और बहुमत के जादुई आंकडे 272 से थोडा ही पीछे है। इसलिए यह तय है कि अगली सरकार यूपीए गठबंधन की ही बनेगी। इस बीच सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से फोन पर बात की। लालू यादव के आज दिल्ली आने की संभावना भी जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने लालू यादव से केबिनेट की मीटिंग में भाग लेने की गुजारिश की है। 10 जनपथ पर नेताओं का तांताचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर नेताओं का तांता लगा है। सोनिया को बधाई देने के लिए कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। राहुल की मेहनत रंग लाई : सचिन पायलटकांग्रेस नेता और राजस्थान की अजमेर सीट से नवनिर्वाचित सांसद सचिन पायलट ने कहा है कि चुनाव में कांग्रेस को मिली सफलता राहुल गांधी की मेहनत का परिणाम है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि राहुल गांधी की मेहनत रंग लाई है और उसी का नतीजा है कि कांग्रेस को देश भर में इतनी बडी सफलता मिली। कांग्रेस को भारी सफलताआखिर जनता जनार्दन ने अपना फैसला कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पक्ष में सुना ही दिया। हालांकि मतदाता ने संप्रग को पूर्ण बहुमत तो नहीं दिया, लेकिन अप्रत्याशित रूप से बहुमत के करीब लाकर अपनी मंशा साफ जता दी है कि उसे केन्द्र में स्थायी सरकार चाहिए ... और छोटे-छोटे प्रादेशिक दलों की सौदेबाजी अब मंजूर नहीं। इस बीच सारे राजनीतिक पण्डितों के अनुमानों और सर्वेक्षणों को पीछे छोडते हुए संप्रग ने लोकसभा चुनावों में शानदार सफलता के साथ 1984 के बाद पहली बार केन्द्र की सत्ता में वापसी करने वाली सरकार का श्रेय हासिल किया है। संप्रग की इस कामयाबी के पीछे कांग्रेस और सरकार की नियंत्रक और नीति निर्माता तथा उसका महिला चेहरा सोनिया गांधी, उसके युवा चेहरे और भविष्य के रूप में धुआंधार प्रचार अभियान चलाने वाले राहुल गांधी तथा पांच साल सरकार चला कर स्थिरता और अनुभव के भरोसेमंद प्रतीक बने मनमोहन सिंह की मेहनत रही। उधर राजग अकेले लालकृष्ण आडवाणी के भरोसे रहा। वह उन्हीं में अपना वर्तमान और भविष्य तथा उम्मीदें दिखाता रहा। अटल बिहारी वाजपेयी की कमी भी खली। ऎसे में सोनिया, राहुल और मनमोहन की तिकडी चल गई। डॉ. मनमोहन सिंंह की अगुवाई में ही एक बार फिर संप्रग की सरकार बनने जा रही है। लोकसभा की सभी 543 सीटों के नतीजों और रूझानों में से संप्रग ने 261 सीटों के साथ राजग (157) को बहुत पीछे छोड दिया है। यह नहीं 200 के करीब सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बडी पार्टी के रूप में भी उभरी है। यानी जादुई आंकडे 272 से वह अब सिर्फ कुछ ही सीटें दूर है। उधर वाम दलों की रहनुमाई में मैदान में उतरे तीसरे मोर्चे का आंकडा तो सौ सीटों तक भी नहीं पहुंच पाया है। चौथे मोर्चे को भी करारी मात खानी पडी है। दूसरी और देश भर में ढोल, आतिशबाजी और मिठाइयों से जश्न मना रही कांग्रेस ने सरकार का दावा पेश करने के लिए सोमवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से समय मांगा है। मंगलवार को नई सरकार की शपथ की तिथि तय की जा सकती है। सम्भावना है कि इसी हफ्ते मनमोहन सिंह के नेतृत्व में नई सरकार गठित हो जाएगी।

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