Tuesday, June 23, 2009

अब तक 34 संगठन प्रतिबंधित

देश में लश्करे तैयबा, लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे) और सिमी समेत कुल 34 संगठनों पर इस समय प्रतिबंध लगा हुआ है। यह कानून पूरे देश में लागू होगा। हालांकि अलग-अलग राज्यों को संगठन पर प्रतिबंध के लिए अलग-अलग अधिसूचना जारी करनी पड़ेगी।

केन्द्र सरकार ने भाकपा (माओवादी) को आतंककारी संगठन करार देते हुए सोमवार को उस पर प्रतिबंध लगाने का ऎलान कर दिया। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चे ने प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध किया है। भाकपा (माओवादी) के नेतृत्व में ही लालगढ़ में आदिवासियों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ हथियार उठाकर कई गांवों पर कब्जा कर रखा है।ये हैं भाकपा(माओवादी)केन्द्रीय गृहमंत्री चिदम्बरम ने बताया कि दरअसल भाकपा (माओवादी) दो संगठनों भाकपा (माक्र्सवादी-लेनिनवादी) और एमसीसी का विलय करके बनाया गया है। कुछ स्थानों पर दोनों संगठन अभी भी अपने अलग-अलग रूपों में चल रहे हैं। वैसे दोनों संगठन पहले ही आंतकवादी संगठन के तौर पर सूचीबद्ध हैं। उन्होंने एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार को भाकपा (माओवादी) पर राज्य में प्रतिबंध की पुष्टि करने की सलाह दी।उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी रोक पर विचार करने का संकेत दे चुके हैं। आतंककारी संगठन की श्रेणी में डालाकेन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि दरअसल यह संगठन प्रतिबंधित ही था, लेकिन इस बारे में कुछ भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। इसीलिए सरकार ने इसे अवैध गतिविधियां (निरोधक) कानून की धारा दो के तहत आतंककारी संगठन की श्रेणी में डाल दिया है। आन्ध्र, मप्र व छत्तीसगढ़ में इसे पहले से ही गैरकानूनी संगठन करार दिया जा चुका है। माकपा महासचिव प्रकाश कारत ने भी रोक लगाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि प्रतिबंध लगाने से कोई समाधान नहीं निकलेगा, क्योंकि प्रतिबंधित होने पर माओवादी भूमिगत होकर गतिविधियां चलाने लगेंगे। कारत ने कहा कि प्रतिबंध माओवादी हिंसा का समाधान नहीं है, बल्कि इससे राजनीतिक एवं वैचारिक तौर पर निपटा जाना चाहिए।


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