उग्र ''हिंदुत्व'' को लेकर भाजपा के भीतर व बाहर हमले झेल रहे वरूण गांधी के लिए बुधवार राहत लेकर आया। लखनऊ स्थित आरएसएस कार्यालय में वरिष्ठ संघ पदाधिकारियों ने वैचारिक जज्बे के लिए उनकी पीठ थपथपाई। वरूण ने क्षेत्र प्रचारक अशोक बेरी और अवध प्रांत प्रचारक कृपा शंकर सहित कई पदाधिकारियों से मुलाकात की। पीलीभीत में भड़काऊ भाषण देने के मामले में प्रशासन द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी के बीच आरएसएस नेतृत्व वरूण से वार्ता करके उनकी मानसिक मजबूती व संगठन कार्य में रूचि का जायजा लेना चाहता था। वरूण को इसी मकसद से लखनऊ बुलाया गया था। आरएसएस कार्यालय में संघ पदाधिकारियों के साथ उनकी वार्ता भी इन्हीं बिंदुओं पर केंद्रित रही। दरअसल, अगले माह मेरठ में आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक होने जा रही है। इसमें संघ के अलावा भाजपा सहित उसके सभी अनुषंगिक संगठनों के भी प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। संघ नेतृत्व इसमें वरूण को लेकर गहराई से विचार करना चाहता है। उस समय वरूण निजी कारणों से विदेश में होंगे। लिहाजा इससे पहले ही संघ ने उनका मन टटोलना जरूरी समझा। सूत्रों के मुताबिक भाजपा का नजरिया कुछ भी हो, लेकिन आरएसएस वरूण को कांग्रेस के राहुल कार्ड का उपयुक्त जवाब मानता है। राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव को लेकर जैसी रूचि दिखाई है, उसे देखते हुए संघ वरूण को आगे लाने के पक्ष में है।
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